छत्तीसगढ़ में नई नक्सल उन्मूलन नीति को कैबिनेट में मंजूरी, शहीद के परिजन को अतिरिक्त 20 लाख, कृषि भूमि में रजिस्ट्री मुफ्त

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ में नई नक्सल उन्मूलन नीति को कैबिनेट में मंजूरी, शहीद के परिजन को अतिरिक्त 20 लाख, कृषि भूमि में रजिस्ट्री मुफ्त

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार ने नई नक्सल नीति तैयार की है जिसे कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। इस नीति में व्यापक रूप से बदलाव किया गया है। यह नीति शहीद के परिजनों को और बेहतर पुनर्वास देती है, साथ ही इसमें नक्सल पीड़ित आम नागरिक को भी शामिल कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह नई नक्सल नीति आत्मसमर्पण करने के इच्छुक नक्सलियों को बेहतर पुनर्वास भी देती है। दो अन्य उल्लेखनीय तथ्य भी इस नई नीति में है। पहला यह अन्य राज्यों के पीड़ितों को भी मुआवजे का पात्र बनाती है साथ ही पुनर्वास के लिए सभी संबंधित विभागों की सहमति ली गई है, और सभी संबंधित विभागों के पास इस नई नीति के अनुरूप आवश्यक संशोधन के लिए साठ दिनों का समय है।



शहीद के परिजनों के लिए अतिरिक्त राहत राशि 



पुलिस बल के शहीदों के परिजनों को अतिरिक्त राहत राशि के रुप में बीस लाख की राशि कृषि भूमि खरीदने के लिए दी जाएगी। तीन साल के भीतर यदि कृषि भूमि खरीद ली जाती है तो दो एकड़ भूमि के लिए कोई रजिस्ट्री शुल्क नहीं लगेगा।



सिविलियन की हत्या को आश्रित को अब नौकरी 



नक्सल पीड़ित व्यक्तियों के लिए मुआवजा राशि दो गुना की वृद्धि हुई है। इसके अलावा स्वयं/बच्चों की शिक्षा, छात्रावास, छात्रवृत्ति स्वास्थ्य खाद्य विभाग की योजनाओं का लाभ, स्वरोजगार योजनाओं समेत कई योजनाओं का लाभ इसमें मिलेगा। पर सबसे अहम यह है कि अब इस नई नीति में नक्सली हिंसा में यदि आम नागिरक की मौत होती है तो उसके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति की तर्ज पर नौकरी दी जाएगी, और यदि सरकारी नौकरी नहीं दी जाती तो कृषि भूमि खरीदने के लिए 15 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। यदि तीन साल के भीतर खेती योग्य 2 एकड़ जमीन खरीदी जाती है तो इन से रजिस्ट्री शुल्क/पंजीयन शुल्क नहीं लिया जाएगा।



सरेंडर पॉलिसी और आकर्षक हुई 



राज्य में नक्सली यदि सरेंडर यानी आत्मसमर्पण करते हैं तो उनके बेहतर पुनर्वास की योजना यह नई नीति सुनिश्चित करती है। सरेंडर के वक्त यदि नक्सली कारतूस जमा करते हैं तो प्रति गोली अब पचास रुपए मिलेंगे पहले यह पांच रुपए थे। पांच लाख से अधिक की ईनामी राशि वाले माओवादियों को दस लाख रुपए की राशि अलग से दी जाएगी। यह दस लाख रुपए सरेंडर करने वाले नक्सली के ऊपर घोषित ईनाम राशि और हथियार के बदले दिए जाने वाले मुआवजे के अलावा दी जाएगी। यह दस लाख की राशि बैंक में सावधि जमा होगी और इसका ब्याज सरेंडर नक्सली को दिया जाएगा। तीन साल तक सरेंडर माओवादी के चाल चलन की समीक्षा होते रहेगी और सही पाए जाने पर राशि दे दी जाएगी। यदि सरेंडर करने वाले माओवादी तीन साल के भीतर कृषि भूमि खरीदते हैं तो दो एकड़ की कृषि भूमि खरीदने पर पंजीयन और स्टांप ड्यूटी में पूरी तरह छूट दी जाएगी।



यदि विशेष सहयोग है तो IG दे सकेंगे नौकरी 



नई नक्सल नीति में यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि,नक्सल पीड़ित/ आत्मसमर्पित नक्सली जिनके द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में ऐसा सहयोग किया गया हों जिससे उसकी खुद की जान को खतरा हो गया हो तो ऐसे मामले में आईजी उनकी सीधी नियुक्ति कर सकेंगे। यह नियुक्ति निम्नतम पदों पर होगी।

 


Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ न्यूज Chhattisgarh Naxal policy Bhupesh government decision additional amount to martyr's family छत्तीसगढ़ की नक्सल नीति भूपेश सरकार का फैसला शहीद के परिजन को अतिरिक्त राशि