याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. अब तक कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह मामले में जुटी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अब शराब में टैक्स की हेराफेरी को लेकर नई जांच शुरू कर दी है। बीते 48 घंटो में पड़े छापे इसी विषय को लेकर केंद्रित थे। अपुष्ट खबरे हैं कि अब से कुछ देर पहले ईडी अपने रायपुर कार्यालय में एपी त्रिपाठी (शराब कारोबारी), कौरव समेत सात लोगों को अपने कार्यालय ले आई है। इनसे पूछताछ की जाएगी। प्रदेश के बेहद प्रभावशाली अफसर अनिल टुटेजा को भी ईडी की टीम अपने साथ दफ्तर ले आई है। छत्तीसगढ़ में ईडी बीते कई महीनों से एक्टिव है। प्रदेश की ताकतवर अफसर कही जाने वाली सौम्या चौरसिया और आईएएस समीर बिश्नोई फिलहाल जेल में हैं।
IT का इनपुट, झारखंड कनेक्शन और ED
ईडी की हालिया कार्रवाई आयकर विभाग की उस रिपोर्ट पर केंद्रित हैं, जिसमें यह कहा गया है कि शराब में टैक्स की जबर्दस्त हेराफेरी हो रही है। सूत्रों के अनुसार, यह छापामार कार्रवाई का एक सिरा झारखंड के उस कथित शराब घोटाले से भी जुड़ा है, जिसे झारखंड बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने उठाया था। यह करीब साढ़े तीन सौ करोड़ से ऊपर का घोटाला बताया था। यह आरोप जिस कंपनी पर लगे थे, वह छत्तीसगढ़ की थी। उस कंपनी के संबंध उन से कुछ के सीधे तौर पर थे, जिनके यहां ईडी 29 मार्च को पहुंची थी और 30 मार्च को दफ्तर लाकर पूछताछ कर रही है।
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किस तरह हो रही टैक्स चोरी, इसे ही तलाश रही ईडी
प्रवर्तन निदेशालय, इन्कम टैक्स विभाग के इनपुट को और विस्तृत करते हुए यह खंगाल रहा है कि आखिर शराब में टैक्स की हेराफेरी कैसे होती थी। इस मसले को लेकर आरोप सदन से सड़क तक बीजेपी लगाती रही है। चर्चा है कि शराब की बोतलों में जो आबकारी का स्टिकर लगा होना चाहिए, वह कई बोटलों में लगा ही नहीं होता था।
अब ईडी के ऑफिशियल बयान का इंतजार
ईडी की इस कार्रवाई से आखिर हासिल क्या हुआ या इस एक्शन के पीछे लक्ष्य क्या था, ये और इससे जुड़े कई सवालों के जवाब ईडी के ऑफिशियल बयान से ही मिलेंगे। इसी पर नजरें टिकी हैं।