याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 72 घंटे से चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का प्रथम चरण शायद पूरा हो गया है। मामला शराब में टैक्स चोरी से जुड़ा है। ईडी 30 मार्च को जिन कद्दावर लोगों को ऑफिस लेकर आई थी, उन्हें छोड़ दिया गया है। सभी को फिर से उपस्थित होने का नोटिस भी थमाया गया है। ईडी ने 29 मार्च को करीब 18 लोगों के 26 ठिकानों पर छापा मारा था, जिनमें से 11 को पूछताछ के लिए ऑफिस ले आई थी।
ब्यूरोक्रेट अनिल टूटेजा 30 की रात को छोड़ दिए गए, बाकी 31 की सुबह
खबरों के मुताबिक, ईडी ने रात करीब साढ़े 9 बजे प्रदेश के सबसे प्रभावशाली अधिकारी उद्योग सचिव अनिल टुटेजा को छोड़ा। इसके बाद 31 मार्च की सुबह बेहद चर्चित टेलीकॉम विभाग के अधिकारी रहे (मौजूदा समय में राज्य की शराब नीति में खासा दखल रखने वाले) एपी त्रिपाठी समेत अधिकांश को छोड़ दिया गया। अपुष्ट खबरें हैं कि तीन लोगों से अब भी पूछताछ जारी है।
करीब 48 घंटे बाद ईडी ने छोड़ा, अगली पेशी का नोटिस भी दिया
पूछताछ के बाद ईडी ने जिन लोगों को छोड़ा, उनके लिए राहत अब भी नहीं है। कोई रात को छोड़ा गया हो या फिर सुबह, सभी करीब 48 घंटे तक ईडी की मेहमाननवाजी में रहे। इनमें से 24 घंटे तो ईडी के छापा कार्रवाई के दौरान इनके घरों पर रही और करीब 24 घंटे ये सभी ईडी दफ्तर में रहे।
सूत्र की खबर सही, नई ECIR दर्ज 11/22
द सूत्र ने 30 मार्च को ही बताया था कि यह छापामार कार्रवाई और ईडी कार्यालय में लाए गए नामचीनों में कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें शराब या कि लिकर लॉबी कहा जाता है। इनमें अरुण त्रिपाठी ( एपी त्रिपाठी) और अनवर ढेबर, जनार्दन सिंह, गोल्डी भाटिया, मुकेश मनचंदा, अतुल सिन्हा, अरविंद, उदयराव, अमोलक भाटिया और बलदेव भाटिया शामिल हैं। छापे इन्हीं लिकर लॉबी पर केंद्रित थे।
जिन लोगों को ईडी ऑफिस लाया गया था और फिर छोड़ा गया तो उन्हें फिर से पेश होने का नोटिस दिया गया, जिसमें ECIR 11/22 की जांच का उल्लेख है। ECIR को आप समझ के लिए ईडी की ओर से दर्ज FIR कह सकते हैं। यह ECIR 11/22 ईडी की ओर से दर्ज किसी नए मामले का नंबर है। जिस कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह मामले में ईडी ने कार्रवाई की, उसका ECIR नंबर 9/22 है।