RAIPUR. बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती देने के मामले थम नहीं रहे। अब छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज कर डाला। लखमा ने ये चैलेंज धर्मांतरण के मसले पर दिया है। कवासी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़े हैं। अगर वे इसे साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर बागेश्वर धाम की बात गलत हुई तो उन्हें पंडिताई छोड़नी होगी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री अभी रायपुर के गुढ़ियारी में रामकथा करने पहुंचे हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बस्तर का जिक्र किया था और कहा था कि वहां के सनातन हिंदुओं को दूसरे धर्म में जाने देने से रोकना होगा। कवासी लखमा ने तो यहां तक कह दिया कि बाबा को कैसे पता चला, क्या उन्हें क्या सपना आया था। कवासी ने उन्हें बस्तर चलने और अपने आरोप साबित करने को कहा।
नागपुर से कोई आया हो तो सामने आए
धीरेंद्र शास्त्री ने 20 जनवरी को रायपुर के दही हांडी मैदान में अपना दरबार लगाया। उन्होंने अपनी कथा की शुरुआत में फिर नागपुर के चैलेंज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वैसे तो इन पर बात करना समय खराब करना है, लेकिन फिर भी कहता हूं कि यदि वहां से कोई आया हो तो सामने आए, ठठरी बांध देंगे। नागपुर महाराष्ट्र की कथा 7 दिन की थी। वहां कुछ लोगों ने कहा कि चुनौती दी तो भाग गए, हमने उन लोगों को रायपुर की चुनौती दी, अगर कोई आया हो तो सामने आए, हमें अपने इष्ट पर पूरा भरोसा है, सामने आएं, हम गीला करके भेजेंगे।
संतों को घेरने की हो रही साजिश
कथा के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने कहा था कि संतों को घेरने के लिए बड़ी-बड़ी मिश्नरियां लगी हैं। ये पोषित लोग हैं। संतों को टारगेट करना इनका काम है। देश में 2 तरह के लोग हैं, एक- जो बागेश्वर के साथ हैं। दूसरे- जो खिलाफ लोग हैं। वर्तमान में रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला बताया जा रहा है, जहर फैलाने वाला बताया जा रहा है। हिंदू चुपचाप बैठा है। एक शिक्षा मंत्री महोदय ने ऐसा बयान दिया है, हमें तो हंसी आ रही है।
23 जनवरी तक चलेगी रामकथा
17 जनवरी से रायपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज राम कथा करने पहुंचे हैं। ये कार्यक्रम 23 जनवरी तक शहर के गुढ़ियारी इलाके में चलेगा। इस बीच पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप भी लग रहे हैं। इनका जवाब देने मीडिया के सामने आए, बाबा जी ने कहा- मैं कभी नहीं कहता कि मैं कोई संत हूं, मैं साधारण आदमी हूं।
नारायणपुर से भड़की थी धर्मांतरण की आग
नारायणपुर में 2 जनवरी को ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के घरों पर हमला हुआ था। इस इलाके के सबसे बड़े रोमन कैथोलिक चर्च पर हमला हुआ। ये हमला बस्तर के सैकड़ों गांवों में चल रहे उस वर्ग विभाजन के बिगड़ते माहौल का संकेत है जहां ईसाई धर्म मानने वाले आदिवासी और मूल धर्म के आदिवासियों के बीच दुश्मनी गहरा रही है।