याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल में डॉ. रमन सिंह ने राशन दुकानों में चावल के स्टॉक का मसला उठाया। रमन ने सदन में कहा कि खाद्य विभाग का डैटा और जिले के डैटा बेस में काफी ज्यादा अंतर है। 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है। 68 हजार 230 टन चावल गायब है। डॉ. रमन सिंह ने सवाल किया कि अतिशेष स्टॉक के संबंध में विभाग में क्या कोई नियम बनाया है। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने यह कह दिया कि प्रश्न ही नहीं होना चाहिए।
विपक्ष का सवाल क्या था?
डॉ. रमन सिंह ने लिखित प्रश्न में पीडीएस को लेकर पूछा था कि क्या शासन में राशन दुकानों में आगामी दो माह के शत प्रतिशत अनाज शक्कर आवंटन संबंधी नियम बनाया गया है। अगर हां, तो कब से प्रचलन में है? क्या लगातार दो माह शतप्रतिशत अनाज शक्कर आबंटन देने के बाद तीसरे महीने बीते दो महीनों में वितरण के बाद शेष बचे अनाज और शक्कर की मात्रा को घटा कर तीसरे महीने शेष आवंटन देने का प्रावधान है? यदि हां तो जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक की अवधि में प्रदेश की राशन दुकानों में शेष बचत की माहवार जिंसवार मात्रा और उसको घटाकर दिए गए अनाज शक्कर की मात्रा का जिलेवार माहवार जिंसवार विवरण दें। इस प्रकार अवशेष मात्रा की राशि का वितरण दिया जाए। क्या उपरोक्त प्रक्रिया का पालन सभी जिलों में किया गया है? यदि नहीं तो जिम्मेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई ? इस पर सरकार की ओर से लिखित जवाब में कहा गया कि ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
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इस मसले पर चर्चा के दौरान खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहे हैं। हमने 13392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया। इसमें 4952 दुकानों में 41 हजार टन की गड़बड़ियां पाईं गई हैं। 161 दुकान निलंबित जबकि 140 दुकान निरस्त हुई। इस पर विपक्ष ने कहा कि मसला अतिशेष का है। नियम कहता है अतिशेष है तो खाद्य निरीक्षक इसकी जांच कराकर उसका डाटा दुरुस्त करें। इसमें तो अधिकारियों की संलिप्तता लगती है, इसलिए विधानसभा की समिति से इसकी जांच की जाए।
सरकार की तरफ से फिर जवाब आया
कुछ दुकानों में ओवर स्टॉक है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है। ये सारा सिस्टम बीजेपी के कार्यकाल का है। इस पर विपक्ष ने आपत्ति की और कहा कि यदि हम गलत है तो जांच कराइए। तब मंत्री अमरजीत भगत ने कहा- जांच करा रहे हैं कोई नहीं बचेगा। लेकिन विपक्ष विधायकों की कमेटी से जांच की मांग पर अड़ गया। हंगामा होते देख सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही फिर शुरु हुई तो विपक्ष इस मसले पर सदन की कमेटी से जांच की बात कहते हुए नारेबाजी करने लगी। जवाब में सत्ताधारी दल की ओर से भी नारे लगे। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल की समाप्ति तक स्थगित हो गई।