अनियमित कर्मचारियों को मिला विपक्षी दलों का सपोर्ट, कहा- कांग्रेस पार्टी को प्रदर्शन की छूट, जायज मांगों के लिए प्रदर्शन पर रोक

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अनियमित कर्मचारियों को मिला विपक्षी दलों का सपोर्ट, कहा- कांग्रेस पार्टी को प्रदर्शन की छूट, जायज मांगों के लिए प्रदर्शन पर रोक


Raipur. छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने आज राजधानी रायपुर में सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। अनियमित कर्मचारी के विधानसभा घेराव के दौरान लगभग सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। पूरे प्रदर्शन के दौरान में बीजेपी, छजकां और आम आदमी पार्टी के नेता भी कर्मचारियों के समर्थन में सरकार को घेरते दिखे है। विधानसभा घेराव करने निकले प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए बूढ़ातालाब धरना के स्थल से कुछ ही दूरी पर रोक दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के  खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर ही बैठ गए। प्रदर्शनकारियों और विपक्षी दलों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी अगर धरना प्रदर्शन करें तो उन्हे छूट है और जो कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन करने की अनुमति लेने जाता है तो उन्हे अनुमति नहीं दी जाती।




कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र भी जलाया 



अनियमित कर्मचारियों को जब पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए रोका दिया उसके बाद कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र भी जलाया है। अनियमित कर्मचारी संघ के सचिन शर्मा का कहना है कि अनियमित कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के घेराव के लिए आगे बढ़े थे, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। जिसके बाद वादाखिलाफी का घोषणा पत्र जो कि चुनावी घोषणा पत्र था उसे हम ने जलाया है। बता दें कि  अनियमित कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण, हटाए गए कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन को पूर्णकालीन करने और आउटसोर्सिंग-ठेका बंद करने की मांग कर रहे हैं। अनियमित कर्मचारी बजट सत्र में घोषणा नहीं होने से नाराज हैं। इसके चलते आज यह प्रदर्शन किया जा रहा है।



कांग्रेस पार्टी को धरना प्रदर्शन करने की छूट- बीजेपी 



बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि लोकतंत्र के हत्यारे धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी को पिछले 10 दिनों से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा रही वहीं कर्मचारियों को 20 किलोमीटर दूर भेजा जा रहा है। क्या नियम कानून सिर्फ आम आदमी कर्मचारी के लिए बनाए गए हैं?  ना इनको इनका अधिकार मिल रहा है.. ना हक मिल रहा है.. ना फ्रीडम आफ स्पीच का हक मिल रहा है। नियमितीकरण के नाम से साढ़े 4 साल से इनके आंखों में धूल झोंका जा रहा है। बीजेपी ने इनका सदन में समर्थन किया है सदन में भी उठा मुद्दा उठाया है। खुद की लड़ाई भी हम लड़ रहे हैं। भूपेश बघेल इस सवाल का जवाब दें कि अधिकारी बड़े हैं कि नेता बड़े हैं कि मुख्यमंत्री बने हैं? यह डाटा के नाम से बाजीगिरी नहीं चलेगी कर्मचारियों को न्याय देना पड़ेगा।



सरकार आवाज दबाने का काम कर रही- सचिन शर्मा 



सचिन शर्मा का कहना है कि सरकार की आदत है जनता की आवाज दबाने की। जिसके कारण हम अनिश्चितकालीन धरना भी नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस कहती है कि हम परमिशन नहीं देंगे। यह देश किसी एक का नहीं है.. किसी प्रशासन का नहीं है.. जनता का देश है। भूपेश बघेल कहते हैं कि मोदी जी हमसे लोकतंत्र छीन लिए हैं, यहां पर हमारे लोकतंत्र की क्या व्यवस्था है धरातल पर आकर लोग देखें। मांगे पूरी नहीं हुई और भूपेश बघेल का रवैया यही रहा तो हम सत्ता परिवर्तन करेंगे।




 


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