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Raipur. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रायपुर राजधानी के तूता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर विधानसभा का घेराव करने निकले। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान पुलिस और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई है। इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहुंचे थे।
6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी रायपुर के नए धरना स्थल तूता तालाब में हजारों लोगों की भीड़ के साथ किया है। प्रदर्शन स्थल में विधानसभा घेराव करने निकले हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ घंटों नारेबाजी की है। प्रदेशभर से पहुंचीं कार्यकर्ताओं ने अपने 6 सुत्रीय मांगों को लेकर अपने अपने जिले में अनिश्चित कालीन हड़ताल को जारी रखने का फैसला लेकर वापस लौटी हैं। कल से पूरे छत्तीसगढ़ के सभी जिले में अनिश्चितकालिन हड़ताल को जारी रखेंगी।
सरकार के सामने अब नहीं झुकेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता : सुधा रात्रे
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रांत उपाध्यक्ष सुधा रात्रे का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की दमनकारी नीति के आगे अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका नहीं झुकेगी। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अब यह लड़ाई आर पार की लड़ाई में तब्दील हो गई है। 23 जनवरी 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी 6 सुत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रही है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में जो वादा किया था उस वादे से वह मुकर रही है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को कलेक्टर दर की मांग को अनदेखा कर रही है। जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को आने वाले विधानसभा के चुनाव में भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य सरकारने राज्य भर के डेढ़ लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ छल किया है।
राज्य सरकार के इस दमनकारी नीति के खिलाफ आगामी दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की संयुक्त मंच रणनीति बना कर आगे आंदोलन को बढ़ाने का फैसला लिया है।