अतिक्रमण, शिकार और उद्योग खा रहा है छत्तीसगढ़ के जंगल.. बाघ बस्ती में पहुंचा, जंगली सुअर पहुंचने वाला था शिकारियों के पास!

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अतिक्रमण, शिकार और उद्योग खा रहा है छत्तीसगढ़ के जंगल.. बाघ बस्ती में पहुंचा, जंगली सुअर पहुंचने वाला था शिकारियों के पास!


Balrampur/Korba. धीरे-धीरे जंगल खत्म होने की ओर अग्रसर है। जैसे-जैसे देश विकास कर रहा है वैसे वैसे जंगल खत्म होते जा रहे हैं। यह  कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि अतिक्रमण, शिकार और उद्योग छत्तीसगढ़ के जंगल को खाते जा रहे हैं। इस खबर में आपको अलग-अलग 2 जिलों की घटनाओं से रूबरू कराएंगे। जिसमें बलरामपुर-कोरबा जिले की खबरें शामिल हैं। सबसे पहले बलरामपुर में बाघ रिहायशी इलाके में पहुंच गया है। बाघ ने लोगों खूब खदेड़ा भी है। वहीं कोरबा में 200  मेगा वाट प्लांट से 2 अजगर रेस्क्यू किए गए है। साथ ही  कोरबा के करतला वन परिक्षेत्र में जंगली सुअर का शिकार करने बिछाए गए करंट की चपेट में आने से ग्रामीण गम्भीर रूप से घायल हुआ है।



वनभूमि पर अतिक्रमण को हटाने की मांग



बलरामपुर जिले के रामानुजगंज वन परिक्षेत्र में कनकपुर के रामपुर गांव के बड़ी संख्या में ग्रामीण वन भूमि पर अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को शिकायत की है। लेकिन शिकायत पर कार्रवाई होती नहीं दिखने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने आरोप है कि कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध तरीके से वनभूमि पर लगातार कब्जा किया जा रहा है और वन विभाग उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अगर कार्रवाई नहीं होगी तो सभी गांव के लोग वनभूमि पर अपना अपना कब्जा करेंगे। वहीं मामले पर वन विभाग के SDO का कहना है कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। मामले पर जैसे ही कोई निर्णय आता है उसके उपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी।



करंट की चपेट में आने से ग्रामीण घायल



कोरबा में जंगली सुअर का शिकार करने बिछाए गए करंट की चपेट में आने से ग्रामीण गम्भीर रूप से घायल हो गया है। 

ये मामला करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत बरपाली का है। जहां बरपाली भांठापारा निवासी 53 साल महेश श्रीवास अपने खेत का लकड़ी लेने जंगल गया हुआ था। वापस लौटते समय करंट की चपेट में आने से गम्भीर रूप से घायल हो गया है।



कोरबा में अजगर का रेस्क्यू



कोरबा जिले के केटीपीएस पूर्व प्लांट में 2 अजगर स्विच यार्ड एरिया में घूमते नजर आए। जिसके बाद वहां के सिक्योरिटी अधिकारियों  द्वारा आरसीआरएस संस्था  को इसकी सूचना दी गई। अध्यक्ष अविनाश यादव और उनके साथियों ने दोनों अजगर पकड़ कर जंगल के हवाले कर दिया। अविनाश यादव को बीती रात लगभग 11 बजे सूचना मिली थी। दो अजगर संयंत्र में भ्रमण कर रहे हैं। जिसके उपरांत अविनाश बिल्कुल भी देरी न करते हुए अपने टीम के साथ प्लांट पहुंचे। सावधानीपूर्वक रेस्क्यू किया गया।


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