शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ के भिलाई में बस्ती में अग्निकांड का मामला सामने आया है। घटना शुक्रवार देर रात 2 बजे की बताई जा रही है जिसमें कई आशियाने जलकर खाक हो गए है। 25 से ज्यादा झोपड़ियां जलकर राख में बदल गई हैं। जिंदगी भर की जमापूंजी के साथ घर के सामान कब कहां चले गए किसी को पता नहीं चला। फिलहाल यहां रहने वाले लोगों के लिए पास की स्कूल में रूकने खाने-पीने की व्यवस्था प्रशासन ने कर दी है। कपड़े और जरूरत के सामान भी उपलब्ध कराए जा रहा है। प्रशासन और विधायक देवेंद्र यादव इस बात का लगातार ध्यान रख रहे हैं। वहीं इन सब के बीच मन को झकझोर करने वाली बात भी निकल कर सामने आ रही है।
दो बेटियों की कुछ महीने में शादी थी
ये बात तो किसी को भी गवारा नहीं होगी कि किसी आशियाना रातों रात राख में बदल जाए। लेकिन कब.. कहां.. क्यों हुआ या क्या होगा यह कोई नहीं जानता। भिलाई के सेक्टर 9 में बस्ती अग्निकांड में दो मां अपनी बेटियों के लिए लगातार मेहनत कर रहीं थी कि जल्द ही उनकी शादी होने वाली है। परिवार के लोग बेटियों को शादी में देने के लिए सामान इकठ्ठा कर रहे थे। लगभग सामान और कुछ रुपए इकठ्ठा भी हो गए थे। बेटियों के लिए जेवर भी तैयार होगए थे। लेकिन शुक्रवार की रात लगी आग ने दोनों परिवार में आने वाली खुशी को छीन लिया। सबकुछ जलकर खाक हो गया हालांकि इस अग्निकांड में जनहानि नहीं हुई है।
दोनों मां का छलका दर्द
बेटी की मां ने द सूत्र को बताया कि पिछले कई सालों से जो बेटी की शादी के लिए हम जोड़ रहे थे वह सब जलकर खाक हो गया। उनका कहना है कि गरीब होने के अपनी बेटी थोड़ा-थोड़ा सब कुछ देने की तैयारी हो चुकी थी। अब उम्र नहीं है.. हाथ-पैर उतना काम नहीं करते तो समझ में नहीं आ रहा वापस सब कैसे जुड़ेगा। महिला ने बताया कि वह हॉस्पिटल में अटेंडर का काम करती है और दिन का मुश्किल से पांच सौ रुपए कमाती है। उसी से जोड़ जोड़ कर किसी तरह से सभी चीजें इकठ्ठा हुईं थी। वहीं दूसरी मां ने बताया कि मेरी 4 बेटियां हैं जिनकी आगे चलकर शादी करनी है। मैने अपनी आखों से अपने घर को जलते देखा है। लेकिन सिर्फ अपने बच्चों के लिए जिंदा हूं।
अब तक क्या-क्या हुआ?
बीते शुक्रवार देर रात लगभग 2 बजे आग लगी। झोपड़ियों में रहने वाले लोगों में भगदड़ मच गई है। इस भीषण आग 25 से ज्यादा झोपड़ियां जलकर खाक हो गई। घर में रखे 3 से 4 सिलेंडर तक के फटने की बात सामने आई है। इधर अतिरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु ने प्रभावितों से मिलकर नुकसान का जायजा लिया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि पीड़ित लोग सरकारी जमीन में लगभग 8 से ज्यादा समय से यहां रह कर जीवन यापन कर रहे थे। वहीं पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय भी बस्ती के लोगों का हाल जानने पहुंचे थे और उन्होने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पीड़ित परिवारों को 3 लाख रुपए मुआवजा देने मांग की। फिलहाल सभी प्रभावितों को नजदीक के शासकीय स्कूल में रूकवाया गया है। शेल्टर बनाकर यहां भोजन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। करीब एक साल पहले भी इसी तरह से सूर्या नगर इलाके में 100 से अधिक झोपड़ियों में आग लगी थी।