शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव की घड़ी बहुत तेजी से भाग रही है। यही कारण है कि प्रदेश में अब कोई मुद्दा छोटा या बड़ा नहीं रह गया है। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी कई मुद्दों को लेकर बयानों के जरिए आमने-सामने आ गए हैं। पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालोद और राजनांदगांव रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत की है। जिसमें बीजेपी पर कड़ा निशाना साधा है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए बयानों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
पहले जनगणना को लेकर भिड़े!
हेलीपैड में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनगणना नहीं होने पर कहा है कि जनगणना करवा नहीं रहे हैं। मेरा आरोप है भाजपा पर की पिछले 10 सालो में गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है शायद इसलिए जनगणना नहीं करा रहे है। भारतीय जनता पार्टी के लोग जो गांव गांव घूम रहे है उन्हे पहले मांग करना चाहिए की जनगणना हो। भूपेश बघेल ने कहा कि मैं कह रहा हु जनगणना करवाए। इसके जवाब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिया है। पूर्व सीएम ने कहा है कि उसमें मांग करने कि क्या जरूरत है। वो तो तय समय पर होता ही है।
GST को लेकर भी आमने-सामने!
सीएम और पूर्व सीएम जीएसटी को लेकर भी आज आमने सामने आए है। भूपेश बघेल और रमन सिंह ने जीएसटी को लेकर जमकर बयानबाजी की है। पहले सीएम भूपेश बघेल ने जीएसटी को लेकर कहा है कि रमन सिंह की नाकामी के चलते हर साल छह हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। जबरदस्ती उन्होंने जीएसटी को स्वीकार कर लिया। 2022 के बाद से जो जीएसटी की क्षतिपूर्ति है वह हमें मिलना नहीं है। रमन सिंह को छत्तीसगढ की जनता से इसके लिए माफी मांगना चाहिए कि हमारा छह हजार करोड़ प्रति वर्ष का नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान का पलटवार कर हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा है कि GST में नुकसान और घाटा में स्टेट का शेयर फिक्स है। वह पहले से बढ़ा ही है। 32% जो शेयर मिलना है वह मिलता रहता है। अगर ज्यादा कलेक्ट होगा तो ज्यादा मिलेगा, कम कलेक्ट होगा तो कम मिलेगा।