नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ में पीएससी मसला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हाउसिंग बोर्ड के सदस्य ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर युवाओं को भड़काने और डराने के आरोप में शहर एसपी से शिकायत की है। आरोप यह भी लगाए गए हैं कि भाजयुमो के द्वारा छात्रों और उनके परिजनों पर आंदोलन में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।साथ ही सोशल मीडिया में वायरल हो रहे पत्र की प्रमाणिकता को लेकर ओपी चौधरी से सवाल किया है।
यह है शिकायत में
हाउसिंग बोर्ड के सदस्य विनोद तिवारी ने 23 मई को शहर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को भाजयुमो के द्वारा छात्रों को आंदोलन के लिए उकसाने और ओपी चौधरी द्वारा गुमनाम पत्र को सोशल मीडिया में वायरल करने को लेकर शिकायत की है। शिकायत में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षा आयोजित होने जा रही हैं। लेकिन भाजयुमो के कार्यकर्ताओं द्वारा छात्रों को आंदोलन के लिए उकसाया जा रहा है। नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है। कुछ दिन पहले पीएससी के नतीजे आए हैं जिसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर छात्रों में नकारात्मकता फैलाई जा रही है।
आंदोलन में भाग लेने दबाव बनाने का आरोप
विनोद तिवारी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार भाजयुमो के कार्यकर्ता कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को और उनके परिजनों को आंदोलन में भाग लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया में पत्र और गड़बड़ी का प्रचार सफल ना होने की वजह से बीजेपी के कार्यकर्ता ऐसा कर रहे हैं। साथ ही बीजेपी के कार्यकर्ता कोचिंग संस्थाओं को आंदोलन में हिस्सा ना लेने पर नुकसान उठाने की धमकी दे रहे हैं।
गुमनाम पत्र की प्रमाणिकता पर सवाल
पीएससी गड़बड़ी को लेकर सोशल मीडिया में एक गुमनाम पत्र खूब वायरल हुआ। यह पत्र छत्तीसगढ़ के बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया था। और पीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के व्हाट्स एप ग्रुप तक पहुँचाया गया। जिस पर कहा गया है कि बीजेपी अगर राज्य सरकार के ख़िलाफ़ मुद्दा बनाना चाहती है तो बेशक बनाए लेकिन बच्चों और उनके परिजनों पर आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए दबाव ना बनाएं। यह कानूनी तौर पर अवैध है। ओपी चौधरी ही इस पत्र के जवाबदेह हैं और आपत्तिजनक तरीक़े से युवाओं को प्रभावित करने के लिए लगे हुए हैं।
संस्थानों ने की कार्रवाई की मांग
शिकायत पत्र में गुमनाम पत्र के लिए ओपी चौधरी को ज़िम्मेदार ठहराया है और कहा है कि वह इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करें और पत्र के स्रोत को स्पष्ट करें नहीं तो उन पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिये। जो लोग विद्यार्थियों और पीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को भड़काने और भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई होना चाहिए। कोचिंग संस्थानों को सुरक्षा व्यवस्था दी जाए ताकि कोई घटना कारित ना हो सके।