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MAHASAMUND. प्रदेश में अब मुंबई की तर्ज पर छत्तीसगढ़ी फिल्म सिटी बनाई जाएगी। इसे महासमुंद से 16 किमी दूर बिरबिरा में 37 एकड़ जमीन में विकसित किया जा रहा है। इस फिल्म सिटी के बनने के बाद प्रदेश में ही 70 फीसदी शूटिंग होगी। इसके साथ ही हजारों कलाकारों, टेक्नीशियनों और निर्माता-निर्देशकों समेत स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा 20 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर एक लाख रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। बता दें कि संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने 11 जनवरी को निरीक्षण के दौरान कहा कि ये फिल्म सिटी बनाने के लिए उपयुक्त स्थल है। फिल्म सिटी के माध्यम से यहां स्थानीय संस्कृति और पर्यटन को राष्ट्रीय स्तर पर अलग से पहचान मिलेगी।
सेंट्रल हब के रूम में विकसित करने की योजना
महासमुंद में फिल्म सिटी बनाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ को फिल्म शूटिंग के लिए सेंट्रल हब के रूम में विकसित करने की योजना है। इससे प्रदेश में स्थानीय प्रतिभाओं को रोजगार के अवसर, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहन और प्रदेश के प्राकृतिक-सांस्कृतिक स्थलों को देश-दुनिया में पहचान दिलाने की भी कोशिश की जाएगी। महासमुंद के कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने बताया कि यहां राजस्व की लगभग 327 एकड़ जमीन चिन्हांकित की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग से बिरबिरा लगभग 4-5 किलोमीटर, नवा रायुपर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर ये स्पॉट स्थित है। रोड कनेक्टविटी भी बेहतर होने की वजह से यहां काम आसान होगा। उन्होंने कहा कि सिरपुर, कोडार जलाशय, बारनवापारा समेत कई पर्यटन स्थल हैं, जिससे फिल्मों की शूटिंग में आसानी होगी।
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50 करोड़ की छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री
छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री 50 करोड़ के आसपास है। सालभर में करीब 25 छत्तीसगढ़ी फिल्में बनाई जाती हैं। इस फिल्म सिटी के बाद के ओडिशा के निर्माता-निर्देशकों को फायदा मिलेगा, क्योंकि यह महासमुंद सीमा ओडिशा से लगी हुई है। यहां बॉलीवुड थीम पॉर्क, पर्यटन स्थल भी विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजना है।