RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे आदिवासी आरक्षण बिल पेश होना है। इससे पहले ही हंगामा हुआ। दरसअल, विपक्ष की ओर से अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल बोल रहे थे। इस दौरान मंत्री शिव डहरिया और कांग्रेस विधायकों की टोका-टाकी शुरू कर दी। इससे बीजेपी विधायकों ने नाराजगी जताई तो हंगामा शुरू हो गया। अजय और बृजमोहन सत्ता पक्ष की ओर लपके। यह देख दूसरे विधायकों ने बीच-बचाव कर रोका। इस बीच धक्कामुक्की भी हुई। इसके बाद सदन की कार्रवाई दस मिनट स्थगित की गई और फिर कार्रवाई शुरू हुई।
सीएम बघेल ने अनुपूरक बजट पेश किया
सीएम भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट का प्रस्ताव पेश किया। सीएम ने विधानसभा में 4 हजार 337 करोड़ 75 लाख तेरानवे हजार 832 रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर आयोजित विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आरक्षण संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखेंगे। सरकार की तरफ से जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया गया है।
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आरक्षण विधेयक पारित होने से पहले हुआ हंगामा
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एसटी) को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 4% आरक्षण देने का प्रावधान दिया है। सरकार के प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में 76 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा। सदन के पटल पर आरक्षण विधेयक रखे जाने से पहले ही बीजेपी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा विधायकों ने एक सुर में विरोध किया।
संयुक्त विपक्ष ने विधेयक में की संशोधन की मांग
संयुक्त विपक्ष ने विधानसभा में संशोधन प्रस्ताव देने की घोषणा की है। इसमें एससी वर्ग को 13 की जगह 16 % और ईडब्ल्यूएस को 4 की जगह 10 % आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा है। संयुक्त विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव के बाद यह तय हो गया है कि आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पास नहीं होगा। हालांकि सरकार की तरफ से विपक्ष के विधायकों से अपील की गई है कि, वे प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कराएं। राज्य सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वह विपक्ष के संशोधन प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।