Raipur. छत्तीसगढ़ में अब युवाओं के लिए सरकार की पहल शुरु हो गई है। सीएम भूपेश बघेल ने इस बार बजट में घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ में संचालित बाल देख-रेख संस्थाओं से जो बच्चे या युवा बाहर निकलेंगे वह सरकार से सहयोग राशि पाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालक-बालिकाओं के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल उदय योजना शुरू करने का ऐलान किया है। यह योजना प्रदेश के बाल गृहों से बाहर निकले युवाओं के लिए भविष्य को संवारने का काम करेगी। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के आखिरी बजट में एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
25 वर्ष की आयु तक पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार
महिला बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा का कहना है कि बाल उदय योजना के तहत पुनर्वास योजना बनाई गई है। इसमें बाल गृहों से बाहर आने वाले युवक-युवतियों को 21 वर्ष की आयु तक शिष्यवृत्ति के रूप में हर महीने 4 हजार रुपए राज्य सरकार देगी। वहीं, केंद्र शासन की तरफ से भी उन्हें चार हजार रुपए की राशि दी जा रही है। 25 वर्ष की आयु तक पढ़ाई का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। साथ ही बाल संप्रेक्षण से गृह से बाहर जाने की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करते हुए पुनर्वास योजना बनाई गई है।
सामुदायिक सामूहिक आवास की व्यवस्था का प्रावधान भी होगा
उच्च शिक्षा, रोजगार, आवास सहित अन्य सुविधाएं पुनर्वास योजना में बालक बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता की व्यवस्था, रोजगार सुनिश्चितता, आवास सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे युवाओं के व्यावसायिक कौशल विकास की भी व्यवस्था हो, जिससे वे स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री ने देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं के लिए योजना में सामुदायिक सामूहिक आवास की व्यवस्था का प्रावधान करने भी कहा है।