मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- आरक्षण को लेकर फिर से लिखा पत्र, जाएंगे कोर्ट; देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में...

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- आरक्षण को लेकर फिर से लिखा पत्र, जाएंगे कोर्ट; देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में...



 











Raipur. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण के विषय पर बयान देते हुए कहा कि गैर शासित बीजेपी राज्यों में राज्यपाल की भूमिका की समीक्षा होना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार से आरक्षण जो प्रदेश का विषय है उसे राजभवन में काफी लंबे समय से लटकाया गया है। ऐसे में सीएम ने कहा कि कि क्या राज्यपाल को इतना अधिकार है कि वह प्रदेश के नौजवानों के जीवन को खतरे में डालें और भविष्य को अंधकार में डाले?, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल अगर आरक्षण बिल पर दस्तखत नहीं कर रहे हैं, तो उनको वापस कर देना चाहिए ।





'अधिकार की समीक्षा करने की जरूरत'





सीएम ने आरक्षण के मुद्दे पर निशाना साधते हुए कहा है कि संविधान में विधेयक को अनिश्चितकाल तक रोकने का अधिकार है, उसकी समीक्षा की जाने की जरुरत है। राज्यपाल सार्वजनिक हित के फैसले नहीं ले पा रहे हैं। 4 महीना हो गया, आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका हुआ है। हमारे बच्चों की परीक्षाएं हैं और विधेयक अभी तक अटका है।









भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बोले सीएम





सीएम भूपेश बघेल आज संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर राजधानी रायपुर के अनेक आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए हैं।  जिसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि बाबा साहेब आंबेडकर ने जो सबसे बड़ी उनकी देन है वह संविधान हमको दिया। रिजर्व बैंक का गठन उन्होंने किया, दलित समाज को संगठित किया। शिक्षित आत्मसात दया प्रज्ञा करुणा मैत्री की हम सब के लिए बहुत जरूरी है। समाज के लिए महापुरुषों ने समय समय पर जो संदेश दिया, वो आज के समय मे बहुत ही संसानिक है और आज की दिन मैं बाबा साहब अम्बेडकर को नमन करता हूं। राजधानी रायपुर में बाबा साहब अंबेडकर की 132 जयंती के अवसर पर अनेक स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।



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