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शिवम दुबे, SUKMA. छत्तीसगढ़ के सुकमा में कलेक्टर एलेक्स का अपहरण कांड मामले में पूर्व कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की दंतेवाड़ा एनआईए कोर्ट में बुधवार (1 फरवरी) को पेशी हुई है। पेशी में IAS एलेक्स चेन्नई से अपना बयान देने पहुंचे थे। आईएएस अधिकारी और तत्कालीन सुकमा कलेक्टर एनआईए की विशेष अदालत में जस्टिस दीपक कुमार दशहरे के समक्ष पेशी की। पेशी के दौरान उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। तब देश विदेश की समाचार एजेंसी की सुर्खियां बनने वाले तत्कालीन सुकमा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन ने कोर्ट में पेश किए गए कथित अपहरणकर्ताओं को पहचानने से इनकार कर दिया।
बहुत साल हो गए अब पहचान नहीं सकता
पेशी के दौरान एलेक्स पॉल मेनन अपना बयान भी कोर्ट में दर्ज करवाए हैं। इसी बीच अपहरण के आरोप में जेल में सजा काट रहे कथित नक्सली आकाश (जिसका नाम भीमा भी बताया जाता है), उसे परीक्षण के लिए कोर्ट में सामने लाया गया। एलेक्स ने कहा कि घटना काफी पुरानी है। इसलिए किसी नक्सली को भविष्य में भी नहीं पहचान पाऊंगा। यह कहते हुए IAS एलेक्स पॉल मेनन ने कथित नक्सली को पहचानने से मना कर दिया।
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कैसे हुआ था कलेक्टर का अपहरण?
तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन ने एनआईए के विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार देशलहरे के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि उस समय सुकमा जिले के केरलापाल में जल संरक्षण कार्यों के नक्शे का अवलोकन कार्य चल रहा था। उसी दौरान कहीं से गोली चलने की आवाज आई थी। इसे सुनकर मैंने खुद को बचाने के लिए जमीन पर लेट गया था। इसके बाद पूरे शिविर में अफरा-तफरी मच गई। ठीक, उसी समय किसी ने मुझे बोला कि सर आप भाग जाइए। मैं अपनी गाड़ी की ओर भाग ही रहा था। तभी 3-4 लोग जो मुंह पर कपड़ा बांधे हुए थे, मुझे रोक लेते हैं। उन्होंने मुझसे पूछा कि कलेक्टर कौन है? मैं सामने आया.. जिसके बाद उन्होंने मुझे रस्सी से बांध दिया और आंख में पट्टी लगा दी। उन्होंने अपने साथ मुझे जंगल में 13 दिन रखे थे।
साल 2012 में हुई थी घटना
मिली जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के केरलापाल में माझीपारा में 21 अप्रैल 2012 को ग्राम स्वराज अभियान चल रहा था। इसी दौरान शिविर भी आयोजित किया गया था। इसमें कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन भी पहुंचे थे। इनका नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। इसी दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा में तैनात गनमैन की हत्या भी कर दी थी। वहीं अपहरण के 13 दिन बाद मध्यस्तों के माध्यम से बातचीत की गई। इसके बाद कलेक्टर को रिहा कराया गया था। इस पर पुलिस ने 4 साल के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया था कि नक्सली आकाश उर्फ भीमा ने अपहरण कांड में मुख्य भूमिका निभाई थी।