Raipur. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर अडाणी समेत दिगर मसलों पर राजभवन घेराव के देशव्यापी कार्यक्रम के तहत कांग्रेस ने राजभवन तक मार्च किया।कांग्रेस ने अडाणी मसले को लेकर राजभवन तक मार्च किया और राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन को ज्ञापन सौंपा। इसके पहले स्थानीय अंबेडकर चौक पर कांग्रेस ने सभा को संबोधित किया। यहाँ संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम बघेल, मंत्री टी एस सिंहदेव समेत अन्य नेताओं ने सभा को संबोधित किया। सीएम बघेल ने अडाणी की संपत्ति बढ़ने को लेकर सवाल खड़ा किया। लेकिन दिलचस्प यह है कि अडाणी की हसदेव अरण्य में माईनिंग की अनुमति दिए जाने को लेकर पर्यावरणविद और हसदेव अरण्य को लेकर संघर्ष कर रहे आंदोलनकारी सीएम भूपेश बघेल पर ही सवाल खड़े करते रहे हैं।
मंच से सिंहदेव बोले- अनुमति की औपचारिकता के लिए मुर्दों के दस्तख़त लिए गए और शुरु है खदान
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री टीएस सिंहदेव ने हसदेव अरण्य का ज़िक्र करते हुए उन प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े किया जिन्हें पूरा करने के लिए बड़ी गड़बड़ी की गई। सीएम बघेल की उपस्थिति में मंत्री सिंहदेव ने मंच से कहा “अडाणी कंपनी को मेरे विधानसभा क्षेत्र में एक ठेका मिला हुआ है। वह कंपनी कोयले का उत्खनन कर राजस्थान के एक विद्युत कंपनी को पहुंचाने का काम कर रही है। वहां हो क्या रहा है इसके बारे में बाद में चर्चा करेंगे... लेकिन काम करने का तरीका देखिए वहां पूरा गांव कहता है कि बिना दस्तखत के ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करवा लिया गया और इस कंपनी को काम करने के लिए और कोयला खदान दे दी गई।ग्राम सभा के दौरान जो 30 लोग मृत हैं उनके भी दस्तखत उसमें शामिल है।तो इस तरीके का कोई कंपनी काम करें तो वह कंपनी कभी भी का नाम नहीं कमा सकती।
अडाणी पर खुद सवालों में उलझे सीएम बघेल ने अडाणी की संपत्ति पर किया सवाल
हसदेव अरण्य में पुरज़ोर विरोध के बावजूद नई खदानों को अनुमति देने का आरोप पर्यावरण से जुड़े लोग लगाते हैं। लेकिन अडाणी के खिलाफ इस आयोजन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अडाणी पर जमकर बरसते दिखे। सीएम बघेल ने कहा “अडाणी 609 नंबर पर थे कुछ दिनों में वह दुनिया के दूसरे नंबर में पैसे वालों में शामिल हो गए। लेकिन जैसे ही हिंडनवर्ग का पेपर प्रकाशित हुआ.. पूरा शेयर मार्केट धड़ाम से गिर गया आखिर उस पेपर में क्या था कि पूरी दुनिया के दूसरे नंबर का सबसे अमीर आदमी अब कितने नंबर में है कोई पूछ नहीं रहा है। ऐसा क्या था उस पेपर में कि पूरी कंपनी ताश की पत्तों की तरह ढेर हो गई.. इसका साफ मतलब है कि आप दुनिया भर में गड़बड़ किए। जब बात एसबीआई और एलआईसी की है जिसमें जनता का पैसा लगा है और जब सबको दिख रहा है कि अडाणी का पैसा शेयर मार्केट में गिरता जा रहा है तब भी उसे पैसे दिए गए तो किसके इशारों पर यह पैसे दिए गए और क्यों दे रहे हैं? पूरा देश आज जानना चाहता है कि सदन से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण को क्यों विलोपित कर दिया गया इसकी जांच क्यों नहीं की जा रही? “
सीएम बघेल ने इस मसले पर कहते हुए राज्य में चल रही ईडी की कार्रवाई का ज़िक्र किया और सवाल खड़े किए।सीएम बघेल ने कहा
“किराए के मकान में रहने वाले विनोद तिवारी के घर ईडी चली जाती है गिरीश देवांगन के घर ईडी चली जाती है। लेकिन जहां हजारों करोड़ों रुपए डूब गया वहां सरकारी एजेंसी नहीं जाएगी.. सरकारी एजेंसियों को बांधकर रख लिया गया है जैसा निर्देश होता है वैसे ही कार्रवाई यह एजेंसियां करती है।”
हसदेव अरण्य से जुड़े लोग कहते हैं
हसदेव अरण्य में नई माईनिंग नहीं हो इसके लिए आंदोलन लगातार जारी है। विधानसभा में इसके लिए प्रस्ताव भी पास किया गया। सरकार ने यह दावा भी किया कि, उत्खनन के लिए अनुमति रद्द किए जाने संबंधी पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया है। लेकिन हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन से जुड़े लोग सरकार के दावे पर सवाल उठाते हैं। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला आरटीआई से मिले अभिलेखों के हवाले से दावा करते हैं कि ऐसा कोई पत्र केंद्र सरकार के पास पहुँचा ही नहीं है। आलोक शुक्ला ने कहा “फ़ॉरेस्ट क्लीयरेंस राज्य सरकार खुद निरस्त कर सकती है क्योंकि जारी भी वही करती है, यह क्लीयरेंस ही सबसे अहम होता है। लेकिन राज्य सरकार ने अपना काम भी केंद्र सरकार से कराने की मंशा जताई है, यह भी मसला है कि केंद्र सरकार के पास राज्य सरकार के पास कोई काग़ज़ नहीं पहुँचा है। ज़ाहिर है हसदेव अरण्य के मसले पर भूपेश सरकार अड़ानी को लाभ पहुँचाना चाह रही है।”