Raipur. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की हालिया भर्ती सूची को लेकर हंगामा कर रही बीजेपी पर तीखा हमला कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने 2003 से लेकर 2018 तक की पीएससी की सूचियाँ जारी की हैं और परिचय के साथ बताया है कि कौन किसका रिश्तेदार था। कांग्रेस ने हालिया कथित विवादित चयन सूची को भी जारी किया जिसमें लिखित परीक्षा के नंबर और इंटरव्यू में दिए नंबर उल्लेखित हैं। कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि, पिछली सूचियों के नाम दिखाने का यह अर्थ नहीं है कि चयनित बच्चे अयोग्य थे, हम केवल यह बता रहे हैं कि अधिकारियों और नेताओं तथा कारोबारियों के बच्चे पहले भी पीएससी में सलेक्ट होते रहे हैं, और भाई बहन, माँ और बेटी बेटा भी चयनित होते रहे हैं।हालिया लिस्ट के नंबर और स्केलिंग जारी करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को भी सवालों में घेरा है जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
क्या कहा कांग्रेस ने
कांग्रेस ने पीएससी की बीजेपी के पंद्रह साल की लिस्ट जारी कर दी। कांग्रेस ने इसमें नाम पते के साथ रिश्ते भी बताए हैं। कांग्रेस की ओर से सुशील शुक्ला और धनंजय सिंह ने कहा
“हम ये नहीं कह रहे हैं कि, जो इस लिस्ट में बच्चे चयनित हुए हैं वो अयोग्य हैं। हम केवल यह बताना चाह रहे हैं कि ये जो अधिकारी नेता कारोबारियों के बच्चों के पीएससी सलेक्शन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं तो ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ना ही कहीं पर ऐसा है कि, नेता अधिकारी कारोबारी के बच्चे प्रतिभाशाली नहीं होते और वे परीक्षा में सफल नहीं हो सकते।
विवाद का सबब बनी मौजूदा लिस्ट भी जारी
कांग्रेस ने मौजूदा समय में पीएससी की भर्ती की जिस सूची को लेकर विवाद हो रहा है और बीजेपी भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। उसके चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट भी सार्वजनिक की गई है। इस लिस्ट में यह उल्लेखित है कि किसने कितने नंबर पाए और उन्हें इंटरव्यू में कितने नंबर मिले।इस लिस्ट को लेकर लग रहे आरोपों पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील शुक्ला और प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कहा
“जो लिस्ट है वो सार्वजनिक है। आंसरशीट जारी है, पब्लिक डोमेन में है।सबके रिटेन और इंटरव्यू के नंबर ओपन हैं। कोई भी व्यक्ति जो पढ़ा लिखा है वो विश्लेषण कर लेगा तो समझ जाएगा कि राजनैतिक लाभ के लिए मेहनती प्रतिभाशाली बच्चों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।”
बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है
बीजेपी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की हालिया भर्तियों को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। आरोप का आधार यही है कि अधिकारी और नेताओं तथा कारोबारियों के बच्चे कैसे चयनित हो गए। आरोप यह है कि इंटरव्यू में नंबर देकर अपात्र को पात्र बनाया गया। आरोप लगाने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, क़द्दावर नेता वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर, विधायक सौरभ सिंह, प्रदेश महामंत्री ओ पी चौधरी और प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास तथा दीपक उज्जवल प्रमुख नाम हैं। सोशल मीडिया इन के ट्विट, मीम से भरा हुआ है। प्रदेश महामंत्री ओ पी चौधरी ने एक गुमनाम पत्र भी ट्विट कर दिया है। बीजेपी इस मसले को भाजयुमो और अभाविप को सौंप चुकी है। 19 मई को भाजयुमो पीएससी कार्यालय घेराव और उग्र आंदोलन करने जा रहा है। बीजेपी की ओर से मामले की शिकायत राज्यपाल को भी की गई है। बीजेपी इस मामले में सीबीआई या फिर रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में जाँच की माँग कर रही है।
सीएम बघेल ने कहा है - आरोप नहीं तथ्य दो करेंगे कार्यवाही
इस मसले पर कांग्रेस ने राजीव भवन में अभिलेखों को मीडिया के सामने रख दिया है। अब प्रश्नवाचक चिन्ह बीजेपी की तरफ़ हैं। इस मसले पर जबकि बीजेपी हमलावर हुई तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था
“केवल आरोप लगाने से कुछ नहीं होता। आप तथ्य दीजिए, प्रमाण दीजिए हम जाँच कर के कार्यवाही कर देंगे। लेकिन आरोप लगा कर माहौल ख़राब करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं।”