RAIPUR. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस ने ज्ञापन में रमन सिंह की संपत्ति का विवरण किया है। कांग्रेस का कहना है कि रमन सिंह के पास अनुपातहीन संपत्ति है। कांग्रेस ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से जांच की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला प्रवक्ता आरपी सिंह मौजूद रहे हैं।
चुनाव हारने के बाद रमन सिंह कर्ज में डूबे- कांग्रेस
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल को दिए ज्ञापन में यह लिखा है कि साल 1998 में रमन सिंह कवर्धा से विधानसभा चुनाव हारे थे। उस वक्त रमन सिंह कर्ज में डूबे हुए थे। साल 2003 में मुख्यमंत्री बनने तक एक सामान्य परिवार के ही सदस्य थे। लेकिन साल 2008 में पहली बार रमन सिंह ने संपत्ति की जानकारी दी थी। जिसमें उनके पास कुल 1 करोड़ रुपए की संपत्ति थी।
ये भी पढ़ें..
अंबिकापुर में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायर्ड दवा का इस्तेमाल, मौत से जूझ रही है पंडो महिला
अचानक संपत्ति में हुआ इजाफा- कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि 2008 के बाद जब रमन सिंह ने 2013 के विधानसभा चुनाव में संपत्ति की जानकारी दी तो उनके पास 5 करोड़ की संपत्ति लेकिन वही जब उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी संपत्ति की जानकारी दी तो उसमें संपत्ति बढ़कर 10 करोड़ रुपए को हो गई। वही उनके बेटे अभिषेक सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी संपत्ति का जायजा दिया था जिसमें उनके पास कुल 4 करोड़ 41 लाख की संपत्ति थी।
अभिषेक सिंह पर भी लगाए आरोप
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का कहना है कि पूरे राज्य की जनता जानते क्या अभिषेक सिंह कोई व्यवसाय नहीं करते हैं फिर भी उनके पास 4 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अभिषेक सिंह ने लोकसभा चुनाव के दौरान सही जानकारी नहीं दी है। कांग्रेस का कहना है कि अभिषेक सिंह के पास उनके नाम पर उत्तराखंड में करोड़ों का रिसोर्ट था। जिसे उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले ही अपने परिवार के सदस्य के नाम ट्रांसफर कर दिया था।
राज्यपाल से जांच कराने की मांग
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के पास ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस ने ज्ञापन में लिखा है कि उक्त तथ्यों से प्राप्त शिकायत की जांच एसीबी द्वारा यह प्रारंभिक निष्कर्ष दिया गया है कि डॉ रमन सिंह और उनके परिवार के खिलाफ अनुपात हीन संपत्ति धारित करने का आरोप सत्य प्रतीत होते हैं। राज्यपाल महोदय से अनुरोध है कि राज्य की गरीब जनता के हितों को देखते हुए जांच हेतु तत्काल अनुमति दें।