Raipur. छत्तीसगढ़ के बगीचा में हुआ जिला पंचायत सदस्य से विवाद का मामला अब सियासती तूल पकड़ चुका है। इस मामले में बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कल यानी 27 अप्रैल को सरगुजा में बंद का एलान किया है। वहीं सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में लगातार हिंदुओं का अपमान और सनातन संस्कृति को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है। अब ऐसी आतंकी कार्रवाईयों में पुलिस को भी कांग्रेस सरकार ने शामिल कर लिया है। बीजेपी का कहना है कि प्रदेश के महान संत और ‘सनातन धर्म संत समाज’ की स्थापना करने वाले गाहिरा गुरु जी के पुत्र और जन प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य के साथ से बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई है, इसकी जितनी भर्त्सना की जाय, वह कम है।
पूरे मामले में बीजेपी की मांग
पूरे मामले में सरगुजा बंद का एलान करते हुए बीजेपी ने मांग की है कि सभी दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्त किया जाय। इनके विरुद्ध उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच हो। दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ़्तार किए जाएं। मुख्यमंत्री इस घटना के लिए समूचे प्रदेश और विशेष कर आदिवासी समाज से हाथ जोड़ कर माफी मांगें। बीजेपी का कहना है की सम्पूर्ण घटनाक्रम को देखने पर यह साफ होता है कि किसी पुलिसकर्मी की ऐसी हिम्मत हो ही नहीं सकती कि इस तरह लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार करे। सीधी सी बात है कि ऐसा कांग्रेस के भूपेश गुट के इशारे पर, इसलिए किया गया है क्योंकि गेंद बिहारी सिंह बीजेपी के समर्थक हैं, और सनातन संस्कृति के संवर्धन में सतत समर्पित रहते हैं।
क्या है पूरा मामला?
मंगलवार को जशपुर के बगीचा में जमीन विवाद के मसले पर ग्रामीणों से चर्चा कर रहे एसडीओपी शेर बहादुर सिंह की झड़प जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह से हो गई। झड़प को लेकर खबरें हैं कि मसला हाथापाई में तब्दील हो गया। आक्रोशित एसडीओपी और उनके साथ मौजूद दोनों आरक्षकों ने जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह को सरकारी वाहन में बैठाया और बगीचा थाना ले आए। इसकी खबर मिलने पर बीजेपी समर्थकों ने बगीचा थाना घेर लिया और हंगामा कर दिया। आक्रोश को देखते हुए कप्तान डी रविशंकर ने दोनों आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया, जबकि एसडीओपी को लेकर आईजी ने 4 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं एसएसपी डी रविशंकर ने एसडीओपी को बगीचा से हटाकर एसपी कार्यालय संबद्ध कर दिया है।