JASHPUR. छत्तीसगढ़ के कई शहरों में हाथियों का आतंक जारी है। इस बीच सरगुजा में 10 दिनों से पहुंचे हाथियों का दल जंगलों में जमकर उत्पात मचा रहे हैं। इस दौरान हाथी फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए वन विभाग ने किसानों को हिदायद दी है कि अभी फसल काटने खेत नहीं जाए। सर्द रातों में ग्रामीण रोजाना जानमाल की सुरक्षा को लेकर रतजगा कर रहे हैं।
फसल कटाई पर लगी रोक
जानकारी के अनुसार कांसाबेल वन परिक्षेत्र के तामासिंघा तालाब में दो दिन पहले 40 हाथियों का दल पहुंचा। अचानक तालाब में हाथियों के दल के घुसने से ग्रामीण हाथियों को देखने के लिए तालाब के किनारे जुट गए। करीब डेढ़ घंटे तक तालाब में हाथियों ने जलक्रीड़ा की। इसके बाद उत्पात भी मचाया। यह दल कल कुनकुरी वन परिक्षेत्र के खारीझरिया जंगल पहुंच गया है। ऐसे में विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में फसल कटाई पर रोक लगा दी है। वन विभाग के अनुसार करीब दस दिन पहले 8 नवंबर को हाथियों का यह दल सरगुजा के लुंड्रा से बगीचा वन परिक्षेत्र में पहुंचा था। बगीचा के छिछली सहित अन्य गांव में पहली ही रात उत्पात मचाने के बाद यह दल पेटा के जंगल में दो दिन तक रुका। वन विभाग के कर्मचारियों ने दो दिन की शक्त के बाद दल को स्टेट हाइवे पार कराया था। इसके बाद यह दल झक्की जंगल होते हुए कांसाबेल वन परिक्षेत्र में आ पहुंचा है।
वन विभाग का अलर्ट जारी
डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय के अनुसार हाथियों के दल पर विभाग की निगरानी बनी हुई है। जिस जंगल में हाथी हैं, उसके आसपास के सभी गांव को अलर्ट करते हुए रोजाना मुनादी कराई जा रही है। जंगल से सटे गांव में किसानों को फिलहाल धान काटने के लिए नहीं पहुंचने को भी कहा गया है। फसल हानि का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार कराया जा रहा है।
इन इलाकों में फसल काटने की मनाही
हाथियों का दल कुनकुरी रेंज के खारीझरिया जंगल में है। यह जंगल कुनकुरी नगर से सटा हुआ है, इसलिए नगरवासी भी हाथियों की मौजूदगी को लेकर सतर्क हो गए हैं। इधर वन विभाग ने गड़ाकाटा, लोटापानी, श्रीटोली, कुंजारा, केंदापानी, घोंघाआंबा, बरांगजोर, ठेठेटांगर, हल्दीमुंडा, मयूरचुंदी सहित अन्य गांव के ग्रामीणों को अलर्ट किया है। वन विभाग ने जंगल से लगे हुए खेतों में किसानों को धान काटने से मना किया है। विभाग का कहना है कि हाथियों का दल जब जंगल में है तब तक खेत में ना जाए।