याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच ईडी अथवा सीबीआई से कराए जाने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट में यह याचिका विनोद तिवारी की ओर से दायर की गई थी। यह याचिका 2020 में दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन के चंद्रवंशी ने की।
कोर्ट ने कहा - बिना तथ्य को याचिका प्रस्तुत
याचिका पर सुनवाई 2020 से लंबित थी, इस में बताया गया था कि, पंद्रह वर्ष मुख्यमंत्री रहते हुए डॉ रमन सिंह की संपत्ति में बेहद वृद्धि हुई। याचिका में यह बताया गया था कि,इस मामले की जांच को लिए पीएमओ भी पत्र भेजा गया था,लेकिन जांच नहीं की गई। डॉ रमन सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता विवेक शर्मा ने द सूत्र को बताया
"जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन को चंद्रवंशी की डबल बेंच ने याचिका की सुनवाई की। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने याचिका को लेकर कहा है कि, यह बिना तथ्य की याचिका प्रस्तुत की गई,यह न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। जो आरोप लगाए गए हैं,उनमें कोई अपराध नहीं बनता।इनके चुनावी हलफनामे की जांच आयकर और चुनाव आयोग ने लगातार की है और संपत्ति में कोई गलती नहीं पाया है।"
डॉ रमन सिंह को लिए बड़ी राहत
भूपेश सरकार के निशाने पर रहे डॉ रमन सिंह के लिए यह फैसला बड़ी राहत है,और जाहिर है भूपेश बघेल के लिए सियासती झटका है। यह फैसला तब आया है जबकि विधानसभा का बजट सत्र शुरु ही हुआ है। बीजेपी इसे लेकर कांग्रेस पर और हमलावर हो सकती है। इस मामले में राज्यपाल को राज्य सरकार की ओर से पत्र भेज कर संस्तुति चाही गई थी कि,ईओडब्लू डॉ रमन सिंह के खिलाफ जांच कर सकता है या नहीं,अपुष्ट खबरें हैं कि, तब राजभवन ने इसी याचिका का हवाला देकर कहा था कि, हाईकोर्ट के निर्णय का इंतजार करना उचित होगा।