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याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल अनुसुइया उइके के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। राज्यपाल उईके ने इस विधेयक पर दस प्रश्न राज्य सरकार को भेजे हैं। राज्यपाल अनुसूइया उईके ने यह भी कहा था कि वे इस विषय को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक ले जाएंगी। राज्यपाल के हवाले से यह बात भी आई थी कि राज्यपाल दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से भी इस विषय पर बात करेंगी। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्यपाल अनुसुइया उईके की मुलाक़ात हुई है। इस मुलाक़ात में आरक्षण विधेयक पर कोई चर्चा हुई या नहीं, इसका ब्यौरा तो उपलब्ध नहीं हुआ लेकिन यह बात जरूर सामने आई है कि राज्यपाल अनुसुइया उईके ने नागार्जुन पीजी कॉलेज के हीरक जयंती समारोह, एमिटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह और आदिवासी शिव संस्कृति समिति नर्मदापुरम द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
CM बघेल की सभा में सतनाम पंथियों ने विरोध प्रदर्शन किया
सतनाम पंथियों के सर्वोच्च धर्मगुरु बाबा गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर लोरमी विधानसभा के ग्राम लालपुर में आयोजित कार्यक्रम में सीएम बघेल के भाषण के दौरान सतनाम पंथ के अनुयायियों ने नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में रखी तख्तियों को लहराया, जिसमें भूपेश बघेल वापस जाओ और आरक्षण देना होगा के नारे लिखे हुए थे। यह सब तब हुआ जबकि मुख्यमंत्री बघेल अपना भाषण शुरू कर ही रहे थे। नारेबाज़ी को देखते हुए सीएम बघेल ने भाषण रोका और उन्हें चर्चा करने का न्यौता दिया। लेकिन पुलिस उन्हें सभा स्थल से बाहर ले गई। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल है।
सरकार ने नहीं दिया राज्यपाल के पत्र का जवाब
आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने के पहले राज्यपाल अनुसुइया उईके ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर दस बिंदुओं पर जवाब तलब किया है। इसमें क्वांटेफाएबल डाटा की रिपोर्ट समेत कई अन्य आंकड़ों का विस्तृत ब्यौरा मांगा गया है। राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी पूछा है कि जब पचास फीसदी से ऊपर आरक्षण पर कोर्ट की आपत्ति है तो यह आरक्षण विधेयक तो 76 फीसदी है, इस पर यदि कोर्ट में आपत्ति हुई तो बचाव क्या है। राज्य सरकार की ओर अब तक राजभवन में कोई जवाब नहीं पहुंचा है।