Raipur. छत्तीसगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नया रायपुर में बड़ा प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दफ्तर का कर्मचारियों ने घेराव किया है। नियमितीकरण और वेतन विसंगति समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्माचिरियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सीएचओ संघ के प्रदेश संगठन के साथ ढाई हजार संविदा कर्मचारियों द्वारा नया रायपुर के तुता धरना प्रदर्शन किया गया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रफुल कुमार का कहना है कि अपने अधिकारों की मांग के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा उसके लिए तैयार हैं। अन्य प्रदेशों में भारत सरकार के वित्तीय दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। मगर हमारे राज्य के सी.एच.ओ. कर्मचारी इन लाभों से वंचित हैं जिसका सरकार को जवाब देना चाहिए।
क्या है इन कर्मचारियों की मांग?
प्रदर्शन के साथ इन कर्मचारियों ने सरकार के सामने अपनी पांच मांगों को रखा है कि जिसमें कर्मचारियों के नियमितीकरण होने तक समस्त कर्मचारियों को 62 साल नौकरी की सुरक्षा प्रदान हो, भारत सरकार के वित्तीय दिशानिर्देश के अनुसार प्रतिमाह 25 हजार रुपए वेतन और 15 हजार रुपए कार्य आधारित वेतन का पालन हो, कर्मचारियों को उनके गृह जिला में स्थानान्तरण हेतु सुविधा प्रदान की जाए, मानव संसाधन निधि 2018 और कर्मचारी भविष्य निधि के नियमानुसार ई.पी.एफ. का लाभ प्रदान किया जाए, जिले स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को उनके सम्बंधित अधिकारियों के द्वारा मानसिक एवं आर्थिक उत्पीडन करने के विरोध में सबूतों के साथ 6 माह पूर्व एम डी एन एच एम को ज्ञापन दिया गया था। जिस पर कार्रवाई की मांग की गई हैं।
कर्मचारियों को मिला दो संघों का साथ
इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ से अलोक मिश्रा और रविन्द्र तिवारी साथ ही आल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों में से राष्ट्रिय संगठन राज्य अध्यक्ष सौरव सिंह एवं अंकिता वरवडें ने भी समर्थन दिया है। दोनों संघों के प्रतिनिधियों ने विश्वास दिलाया की स्वास्थ्य कर्मचारियों की जायज मांगों के लिए सरकार से जो भी लड़ाई लड़नी पड़े सब साथ में मिलकर हर कदम में एकसाथ हैं।