BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी 10 मार्च को रिटायर हो गए हैं। उनके सम्मान में हाईकोर्ट में परंपरागत तरीके से कार्यक्रम रखा गया। हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में रखे गए इस कार्यक्रम में तमाम अधिवक्ता और न्यायालय प्रक्रिया से जुड़े लोग शामिल थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद अब हाईकोर्ट के सीनियर जज जस्टिस गौतम भादुड़ी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज जस्टिस गौतम भादुड़ी 11 मार्च 2023 से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के रूप में अपनी सेवा देंगे।
केंद्र सरकार ने नियुक्ति का नोटिफिकेशन किया जारी
बता दें कि केंद्र सरकार ने जस्टिस गौतम भादुड़ी की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा को चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की गई थी। हालांकि ऐन मौके पर इस फैसले पर बदलाव किया गया और अब सबसे सीनियर जज के रूप में काम कर रहे जस्टिस भादुड़ी को चीफ जस्टिस बनाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
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कौन है जस्टिस गौतम भादुड़ी?
जस्टिस गौतम भादुड़ी के बायोग्राफी की बात करें तो इनका जन्म 10 नवंबर 1962 को वकीलों के परिवार में हुआ था, उनके पिता एसके भादुड़ी और दादा पी.भादुड़ी काफी नामचीन वकील थे। जस्टिस भादुड़ी ने बंगाली कालीबाड़ी स्कूल से प्राथमिक और सेंट पॉल हायर सेकंडरी स्कूल से बारहवीं तक की एजुकेशन प्राप्त की है। इसके बाद रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बी. कॉम और एलएलबी की डिग्री ली। एलएलबी में उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला था। उनके दादा पी. भादुड़ी रायपुर के दुर्गा कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज और लॉ कॉलेज के फाउंडर थे, जस्टिस भादुड़ी भी इन कॉलेजों का संचालन करने वाली समितियों से जुड़े रहे है।
1985 में की थी वकालत की शुरुआत
नए चीफ जस्टिस गौतम भादुड़ी ने 1985 में अपनी वकालत की शुरुआत की। उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के साथ-साथ अन्य अधीनस्थ अदालतों में वकालत की है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे बिलासपुर शिफ्ट हो गए। गवर्नमेंट एडवोकेट के रूप में काम शुरू किया। इसके बाद उप महाधिवक्ता बनाए गए। 16 सितंबर 2013 को वे हाईकोर्ट में जस्टिस बनाए गए। जस्टिस भादुड़ी सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक, कंपनी, लेबर के मामलों के जानकार हैं। इन मामलों में उन्होंने बड़ी संख्या में मामलों की पैरवी की। वे सीबीआई के स्थायी वकील थे। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों-सेल, एनटीपीसी, बैंकों और कई निजी कॉर्पोरेट निकायों के लिए भी स्थायी वकील रहे हैं।