BILASPUR. हाईकोर्ट की अवमानना का एक मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने IAS अधिकारी एस. प्रकाश के खिलाफ 5 हजार का जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आईएएस अधिकारी एस. प्रकाश को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। ये पूरा मामला एक ट्रांसफर से जुड़ा हुआ है।
मामला क्या है?
मिली जानकारी के अनुसार व्याख्याता जिला पंचायत के पद पर मंजुला कश्यप महासमुंद में साल 2017 से पदस्थ हैं। उनके पति बिलासपुर एसपी ऑफिस में कॉन्सटेबल हैं। मंजुला कश्यप ने संचालक पंचायत विभाग से पति-पत्नी नियम के आधार पर अपना ट्रांसफर बिलासपुर किए जाने की मांग की थी। स्थानांतरण आवेदन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से उन्होंने बिलासपुर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने दिए थे 90 दिन में कार्रवाई के निर्देश
इसी मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने जून 2020 में संचालक पंचायत विभाग को निर्देश दिया था कि वे 90 दिन के भीतर मंजुला कश्यप के बिलासपुर ट्रांसफर के लिए प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करें। निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी पंचायत विभाग ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की।
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2 साल तक नहीं दिया नोटिस का जवाब
इस मामले में हाईकोर्ट ने 13 अक्टूबर 2020 को आईएएस एस प्रकाश को नोटिस जारी किया। नोटिस जारी होने के 2 साल बाद भी आईएएस एस. प्रकाश द्वारा अवमानना के मामले में कोई जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारियों द्वारा लगातार आदेशों की नाफरमानी करने एवं अवमानना के लगातार मामले बढ़ने पर गंभीर नाराजगी एवं चिंता जाहिर की है। मामले में हाईकोर्ट ने तत्कालीन संचालक पंचायत विभाग एस. प्रकाश के खिलाफ 5 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही न्यायालय ने एस. प्रकाश को हाईकोर्ट के समक्ष सशरीर पेश होने का कठोर निर्देश भी जारी किया है।