याज्ञवल्क्य मिश्रा Raipur. पूर्व ब्यूरोक्रेट अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह को हाईकोर्ट से अहम राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह को आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज FIR पर अग्रिम ज़मानत दे दी है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की अदालत ने इस मामले में फ़ैसला आज सार्वजनिक किया, इसके पहले 20 मार्च को जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने मामले में निर्णय को रिज़र्व करते हुए राज्य सरकार को नो कोर्सिव एक्शन का आदेश दिया था।
आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज थी FIR
अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह के विरुध्द शिकायत आई थी जो बाजरिया सीएम सचिवालय एसीबी/ईओडब्लू मुख्यालय पहुँची थी। इस मामले में ईओडब्लू ने क्राईम नंबर 9/2020 के तहत अपराध दर्ज कर लिया था। इस एफ़आइआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिसके बाद हाईकोर्ट से अमन सिंह को राहत मिल गई थी। इस मसले में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देशित किया कि, भ्रष्टाचार के आरोप यदि हैं तो जाँच होनी चाहिए।इस आदेश के बाद रायपुर में EOW की एफ़आइआर फिर से विधिक रुप से जीवित हो गई। इस के बाद मामले में अमन सिंह ने ईओडब्लू में उपस्थित होकर बयान भी दिया।इस के पहले अमन सिंह की ओर से हाईकोर्ट में अग्रिम ज़मानत याचिका लगाई गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने प्रक्रिया के साथ आने को कहा। इसके बाद अमन सिंह की ओर से रायपुर कोर्ट में अग्रिम ज़मानत याचिका लगी जो कि खारिज हुई। इसके बाद हाईकोर्ट में अग्रिम ज़मानत याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज फ़ैसला सार्वजनिक किया गया है।
रमन की आँख के तारे थे और भूपेश की आँख के किरकिरी हैं अमन सिंह
अमन सिंह डॉ रमन सिंह सरकार के समय सीएम डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव थे। उन्हें डॉ रमन सिंह का अगाध विश्वास हासिल रहा है। डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में वे राज्य के सर्वाधिक प्रभावशाली अफ़सर के रुप में पहचाने गए थे। लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार में सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें बिलकुल पसंद नहीं किया, और अमन सिंह के प्रति कटू नज़रिए को सीएम बघेल ने कभी छुपाया भी नहीं है।
कोर्ट ने लगाई हैं ये शर्तें
हाईकोर्ट ने अमन सिंह को बड़ी राहत तो दी है, लेकिन उसके साथ शर्तें भी हैं। इन शर्तों में हर महीने जांच कार्यालय में उपस्थित होकर जांच में सहयोग देना, कोर्ट की अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ना तथा दो लाख का बांड जमा करना शामिल है।