Raipur. देर रात कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया को हटाकर उनकी जगह प्रभार कुमारी शैलजा को दे दिया। पुनिया को छत्तीसगढ़ प्रभारी का पद 2017 में मिला था। 2017 में कांग्रेस विपक्ष में थी। सुश्री शैलजा हरियाणा की हैं और सांसद और मंत्री रह चुकी हैं। इसके साथ ही शैलजा को पार्टी का महासचिव भी नियुक्त किया गया है। इस संबंध में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आदेश जारी कर दिया है।
लंबे समय से पुनिया के जाने की खबरें चल रही थीं
संगठन प्रभारी रहे पी एल पुनिया की छुट्टी होने की खबरें लंबे अरसे से कांग्रेस के सियासती हलकों में तैर रही थीं। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बनते ही पुरानी कमेटी के सभी पदाधिकारियों से इस्तीफ़ा ले लिया गया था। पुनिया की विदाई की सुगबुगाहट के बीच पुनिया का दौरा छत्तीसगढ़ दौरा भी हुआ था।
पुनिया 2017 से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी थे, इसी दौरान प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी थी
छत्तीसगढ़ की नई प्रभारी बनाई गई शैलजा को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। वे हिमाचल प्रदेश से हैं। इस नई जिम्मेदारी के बाद अब उनके सामने फरवरी में छत्तीसगढ़ में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल बनाने की बड़ी चुनौती होगी। छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया 2017 से प्रभारी थे। इस दौरान कांग्रेस 2018 में 69 सीटों के साथ सत्ता में आई थी। उसके बाद हुए चार उपचुनाव और नगरीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी।
गुटबाजी से परेशान कांग्रेस
शैलजा ने पीएल पुनिया की जगह ली, जबकि रंधावा ने राजस्थान में अजय माकन की जगह ली और गोहिल हरियाणा के प्रभारी के रूप में विवेक बंसल की जगह आए हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये बदलाव हुए हैं। दोनों राज्यों में वर्तमान में कांग्रेस का शासन है और पार्टी में गुटबाजी अहम मुद्दा है।
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कुमारी शैलजा के प्रदेश प्रभारी बनाए जाने का सीएम भूपेश ने किया स्वागत
कुमारी शैलजा छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नई प्रभारी बना दी गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे ईमानदारी से निभाऊंगी। पार्टी को मजबूत करने का काम करती रहूंगी। कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी बनाए जाने पर CM भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बधाई दी है। कुमारी शैलजा का कांग्रेस कार्यकर्ता स्वागत करते हैं। आपके अनुभव और नेतृत्व का लाभ मिलेगा। साथ ही CM भूपेश ने PL पुनिया को भी धन्यवाद दिया है और कहा कि हम सबने आपके नेतृत्व में बहुत कुछ सीखा है।
कुमारी शैलजा दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं
कुमारी शैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार जिले के गांव प्रभुवाला में हुआ था। सैलजा की प्राथमिक शिक्षा नई दिल्ली के जीसस सेंट मेरी स्कूल में हुई। वह पंजाब विश्वविद्यालय से एमफिल (दर्शनशास्त्र में परास्नातक) हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं। 2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। वह यूपीए की दोनों सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1978 से 1980 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे थे। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
ऐसा रहा शैलजा का राजनीतिक सफर
1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनकर इन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1991 में वे पहली बार 10वीं लोकसभा चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से जीतीं और नरसिंहराव सरकार में शिक्षा और संस्कृति राज्यमंत्री बनीं। जुलाई 1992 से सितंबर 1995 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा और संस्कृति विभाग की केंद्रीय उप मंत्री रहीं। सितंबर 1995 से मई 1996 तक उक्त विभाग की केंद्रीय राज्यमंत्री रहीं। 1996 में 11वीं लोकसभा में दूसरी बार सिरसा सीट से जीत हासिल की तथा कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारी समिति की सदस्य बनीं। 1996 से 2004 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव व प्रवक्ता पद का दायित्व सम्हाला। तीसरी बार 2004 में 14वें लोकसभा चुनाव में कुमारी शैलजा ने हरियाणा की अंबाला सीट का प्रतिनिधित्व किया तथा डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनीं। 2005 में राष्ट्रमंडल स्थानीय सरकार फोरम के संचालक मंडल के सदस्य निर्वाचित हुईं। 2007 में दो वर्ष के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावास की 21वीं शासी परिषद की अध्यक्ष चुनी गईं। 2009 में चौथी बार 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं।
मंत्रालयों की भी संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी
31 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन विभाग की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहीं। 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक आवास और शहरी गरीबी उपशमन और संस्कृति मंत्रालय की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद का दायित्व संभाला। 28 अक्टूबर 2012 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप कार्य कर रही थीं। 27 जनवरी 2014 को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस संगठन में कार करने की इच्छा जाहिर की। मार्च 2011 में केंद्रीय पर्यटन मंत्री कुमारी शैलजा की याचिका पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया। उनके ऊपर धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी, जालसाजी व अन्य आपराधिक षडयंत्र के आरोप लगाए गए।