BILASPUR. आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक हो गई है, बीजेपी ने प्रदेश के जिलों में चक्का जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। सूरजपुर में भी बीजेपी ने आदिवासी कद्दावर नेता पूर्व गृह मंत्री मंत्री रामसेवक पैकरा की अगुवाई में अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने चक्का जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज का आरक्षण 32% से घटकर अब 20% रह गया है। इसके लिए राज्य सरकार और कांग्रेस को जिम्मेदार मानते हुए बीजेपी ने चक्का जाम किया।
सरकार अधिकार में कटौती करने का कर रही काम
रामसेवक पैकरा ने कहा की कांग्रेस सरकार विरोधी काम तो कर ही रही है लेकिन अब हमारे 32 फीसदी अधिकार में भी कटौती काम करने का काम किया है इसके विरोध में चक्का जाम किया है। साथ ही कहा कि अगर सरकार हमारा हक वापस नहीं दिलाती है तो आगे और उग्र आंदोलन होगा। आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रहे बीजेपी ने कुछ घंटों के प्रदर्शन के बाद अपना आंदोलन खत्म किया।
बिलासपुर-अंबिकापुर हाइवे पर किया प्रदर्शन
बिलासपुर में भी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नेतृत्व में आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा ने हल्ला बोला और चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा जिला अनुसूचित जनजाति मोर्चा इसके विरोध में बिलासपुर-अंबिकापुर हाइवे में उतरी। यहां रतनपुर में प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाइवे में चक्काजाम कर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए आदिवासियों का आरक्षण फिर से बहाल करने की मांग की और राज्यपाल के नाम मांग पत्र सौंपा।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि, आदिवासी समाज को संवैधानिक अधिकार के तहत पहले प्रदेश में 32 प्रतिशत आरक्षण भर्ती, नियुक्ति और पदोन्नति में दिया जा रहा था। लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद इसे 20 प्रतिशत कर दिया गया है। जिससे आदिवासी समाज के अधिकार का हनन हो रहा है। आदिवासी समाज लाभ से वंचित हो रहा है। ऐसे में इसे लेकर आदिवासी समाज का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और समाज फिर से आरक्षण बहाल करने की मांग कर रहा है।
सरकार के खिलाफ जिला स्तरीय चक्काजाम
वहीं, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही बरैहा चौक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ जिला स्तरीय चक्का जाम और धरना प्रदर्शन किया गया। साथ ही प्रदर्शन के दरमियान बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेसी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बार-बार आरक्षण की मांग करते रहे। भारतीय जनता पार्टी आदिवासी मोर्चा का आरोप है कि मौजूदा भूपेश बघेल की सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष आरक्षण को लेकर कोई भी ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए और केश को कमजोर कर दिया गया। आदिवासियों को दिए जा रहे हैं। 32 प्रतिशत आरक्षण में कटौती करा कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है जिसके विरोध में जिले के आदिवासी समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन और चक्का जाम कर विरोध जताया।