Raipur. 26 अप्रैल को दंतेवाड़ा में शहीद जवानों ने सभी की आंखे नम कर दी है। वहीं आज छत्तीसगढ़ के कसोली गांव से बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर ऐसी विधवा की है जिसका नक्सलियों ने सब कुछ छीन लिया। कसोली गांव से निकली यह फोटो पूरे प्रदेश में जमकर वायरल हुई है। हर कोई इस तस्वीर को शेयर कर मन में उदासी लिए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है। फोटो बुधवार को 10 शहीद जवानों में से एक लखमू मरकाम की चिता और उसकी पत्नी की है।
जब शहीद पति की चिता पर लेट गई पत्नी
दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए जवान के पार्थिव शरीर को जब अंतिम संस्कार के लिए चिता तक ले जाया गया तो जवान की विधवा पत्नी रोते हुए उसकी चिता पर लेट गई और कहने लगी मुझे भी साथ जाना है। तस्वीर विचलित कर देगी :@ranutiwari_17 pic.twitter.com/PltQrCbr8i
— Bastar Talkies (@BastarTalkies) April 27, 2023
आईए जानते हैं लखमू की कहानी...
बताया जा रहा है कि शहीद जवान लखमू मरकाम अपने परिवार का पेट पालने के लिए साल 2007 में पुलिस बल में तैनात हुआ। इसी के आस पास सलवा जुडूम अभियान की भी शुरुआत हुई। शहीद लखमू के पुलिस बल में शामिल होने का दूसरा कारण नक्सली भी रहे हैं क्योंकि उस वक्त माओवादी गांव वालों हद से ज्यादा परेशान किया करते थे। ठीक इसी समय एक शासन ने एक जगह दी जिसे कसोली गांव के नाम से जाना गया। यह शहीद जवान कसोली गांव का ही रहने वाला है।
26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सलियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया। जिसमें 10 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए। शहीद जवानों के घर कराहने की आवाज आ रही है। वहीं लखमू मरकाम की अंतिम विदाई में पूरे गांव को रुला दिया। उसकी पत्नी इतनी भावुक हो गई कि उसे इस बात की सुध नहीं रही कि वह खुद को जलाने की बात कह रही है। पत्नी चिता की ऊपर पहुंचकर कहा- मुझे जला दो... मेरे पति को मुखाग्नि मत दो... यह कहते हुए चिता पर लेट गई। बाद में समझाने के बाद गांव वालों ने पत्नी को नीचे उतारा। और आखिर में शहीद जवान का पार्थिव शरीर को पंचतत्व में विलीन हो गया।