नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी स्मार्ट सिटी बनने की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। वहीं विपक्ष नगर निगम अपनी लापरवाही का आरोप भी लगाने में पीछे हटता नहीं दिख रहा है। मामला पानी टैंकरों में लगे GPS सिस्टम का है। दरअसल नगर निगम ने पानी की चोरी को कम करने के लिए पानी के टैंकरों में GPS सिस्टम लगवाया था। लेकिन कुछ ना कुछ कारणों से वह GPS सिस्टम खराब हो रहा था जिसके बाद उसे निकाल कर फिर से पर्ची सिस्टम के माध्यम से पानी सप्लाई शुरू की गई है। विपक्ष ने शहर सरकार पर GPS सिस्टम के नाम पर लाखों रुपयों की गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
पानी की चोरी कम करने लगाया गया था GPS सिस्टम
बता दें कि शहर में पानी चोरी होने की घटना को रोकने के लिए शहर की सरकार ने पानी की टंकियों और टैंकरों में GPS सिस्टम लगवाया था। इन GPS सिस्टम की लागत लगभग 10 लाख रुपए के करीब है। वहीं बताया जा रहा है कि टंकियों में लगाये गये GPS सिस्टम पानी में भींगने से और अन्य किन्ही करणों की वजह से खराब होता चला गया। GPS सिस्टम का मेंटिनेंस बार-बार ना करना पड़े तो GPS सिस्टम को निकाल कर फिर से पर्ची प्रथा शुरू कर दी गई है।
विपक्ष ने लगाया लाखों रुपयों की बर्बादी का आरोप
सदन की विपक्ष की नेता मीनल चौबे ने शहर की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पानी टंकियों में लगाये गये GPS सिस्टम सक्सेज नहीं है। पानी को संकट को को रोकने के लिए किसी नये उपाय को खोजना चाहिए।किसी अधिकारी को काम पर लगाना चाहिए जिससे जरूरतमंद जगहों तक पानी पहुंच सके। साथ ही GPS सिस्टम को लगाने में करीब 20-25 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
वहीं निगम अधिकारी बद्री चंद्राकर का कहना है कि मेरे पीरियड में 2017 से कोई भी GPS सिस्टम नहीं लगा है। पहले के समय में लगा होगा तो उसकी जानकारी नहीं हैं। आपको बता दें कि नगर निगम रायपुर के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता हैं बद्री चंद्राकर।