Raipur. नान घोटाले को लेकर रायपुर कोर्ट की विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय याने ED ने आवेदन देकर सुनवाई रोके जाने का आग्रह किया है। ED की ओर से प्रस्तुत आवेदन में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए यह आग्रह किया गया है।भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच के लिए स्थापित रायपुर की विशेष अदालत ने इस आवेदन पर कोई निर्णय नहीं दिया है। नान मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 सितंबर रखी गई है।
क्या कहा है ED ने
प्रवर्तन निदेशालय के ज़ोनल ऑफिस रायपुर में पदस्थ सहायक संचालक थांडी लाल मीना की ओर से यह आवेदन तैयार किया गया है जिसे अदालत में ED के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडेय ने पेश किया है। इस आवेदन में ED ने यह बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में आगामी 19 सितंबर को इस मामले की अहम सुनवाई है।प्रवर्तन निदेशालय ने इस नान मामले में 9 जनवरी 2019 को ECIR/RPSZO/01/2019/ के तहत मामला दर्ज किया है जो इसी नान मामले से संबंधित है और उसका आधार EOW द्वारा दर्ज FIR 9/2015 है, और इसी FIR पर रायपुर अदालत में विचारण चल रहा है। शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है।इसलिए इस मामले का वह विचारण जो कि रायपुर कोर्ट कर रही है वह सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आते तक रोक दे।
रायपुर कोर्ट में अगली पेशी 24 सितंबर को
ED के इस आवेदन पर रायपुर कोर्ट की ओर से कोई निर्णय सार्वजनिक नहीं है। भ्रष्टाचार प्रकरणों की सुनवाई के लिए गठित इस विशेष अदालत ने नान के इस मामले में अगली पेशी 24 सितंबर दी है।
अब तक रायपुर कोर्ट में
नान मामले में सरकारी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। यह एक महत्वपूर्ण चरण था जिसे बेहद तेज गति से पूरा किया गया। सुनवाई में तेज़ी के पीछे शीर्ष अदालत के ही उस निर्देश का संदर्भ है जिसमें जल्द सुनवाई पूरी करने के आदेश हैं। अब मुलज़िम बयान और उसके साथ यदि आरोपी पक्ष यदि गवाह प्रस्तुत करना चाहता है तो उन्हें पेश कर उनकी गवाही होगी। विधि के जानकारों के अनुसार नान मामले की सुनवाई पूरी होने में अब बहुत ज़्यादा वक्त कम से कम रायपुर कोर्ट में नहीं लगना है।