NARAYANPUR. चुनावी साल में धरना-प्रदर्शन और हड़ताल का भी दौर चल रहा है। इसी क्रम में नारायणपुर में तेंदूपत्ता फड़मुंशी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपना किया वादा पूरा नहीं किया तो ये उग्र आंदोलन करेंगे। इस चेतावनी के साथ ही संघ ने तीन दिवसीय धरना खत्म कर दिया है। नारायणपुर जिले में तेंदूपत्ता संघ के तीन दिवसीय धरना-प्रदर्शन चल रहा था। ये आंदोलनकारी प्रदेश सरकार से नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कांग्रेस की सरकार बनने से पहले चुनावी घोषणा पत्र में हर फड़मुंशी को 1 हजार रुपए प्रतिमाह देने वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार अपना वादा भूल गई। इसी के विरोध में पिछले तीन दिनों से तेंदूपत्ता संघ के कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे थे। 19 अप्रैल की देर शाम फड़मुंशियों ने अपना आंदोलन खत्म किया। उन्होंने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
तेंदूपत्ता वनोपज में संग्रहण परिवार के बीमा काम, तेंदूपत्ता कार्ड बनाने में सर्वे का काम, सरकार की विभिन्न योजनाएं संचालित करने का काम, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार को फायदा दिलाने का काम तेंदूपत्ता फडमुंशी को दी जाती है। बिना मानदेय के पूरे साल फड़ मुंशियों से काम लिया जाता है। नाराज फड़ मुंशियों ने राज्य सरकार के चुनावी वादे को याद दिलाने के लिए तीन दिवसीय प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है। इन फड़ मुंशियों ने मांगे पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
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सत्ता में आते ही वादा भूली कांग्रेस
आंदोलनकारी फड़ मुंशियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले चुनावी घोषणा पत्र में प्रत्येक फड़मुंशी को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने वादा किया गया था। सत्ता में आते ही सरकार ये वादा भूल गई। फड़ मुंशियों ने बताया कि 10वीं 12वीं पास अनिवार्यता बताकर हर साल नए फड़ मुंशियों की भर्ती की जाती है। इसे खत्म करना चाहिए। गांव के ही अनुभवी युवकों को फड़मुंशी का काम देना चाहिए।