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RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण विधेयक पास हो चुका है। यह विधेयक अब राज्यपाल के पास है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह लागू होगा। इसके बाद भी सियासत की जंग जारी है। आरक्षण पर विपक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी ने नई बहस शुरू कर दी है। इस मामले में आज नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मांग करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति को 16 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी तक आरक्षण मिलना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा आरक्षण बिल में की जल्दबाजी
आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष में जल्दबाजी में आरक्षण बिल पेश किया है। इसके लिए न कोई होमवर्क किया न कोई तैयारी। विपक्ष की बात को भी नहीं सुना गया बहुमत का दुरुपयोग करते हुए आरक्षण बिल पेश कर दिया गया।
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सदन में डाटा पेश नहीं किया चर्चा होनी थी
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने दावा किया कि सदन में डाटा ही पेश नहीं किया गया, जिसके आधार पर चर्चा होनी थी। यह सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया चूंकि मामला आदिवासी भाइयों ओबीसी अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों से जुड़ा था इसलिए हमने समर्थन किया। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि पटेल आयोग के डाटा के आधार पर आरक्षण में संशोधन किया गया है।
सरकार से मांगः ऐसी होनी चाहिए आरक्षण की व्यवस्था
नारायण चंदेल ने कहा कि हमने राज्य सरकार से मांग की है कि आदिवासियों को 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 16 फीसदीए ओबीसी वर्ग को 27 और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए मौजूदा व्यवस्था में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को 13 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को सिर्फ 4 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है हम इसे लेकर कानूनी सलाह ले रहे हैं।
आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल सोमवार को करेंगी हस्ताक्षर
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि वह आरक्षण संशोधन विधेयक पर सोमवार को हस्ताक्षर करेंगी। विधि विशेषज्ञ से राय लेने के बाद सोमवार को हस्ताक्षर करेंगी। राज्यपाल ने खुद ही सोमवार को हस्ताक्षर करने की जानकारी दी है। बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कुल 76 फीसदी आरक्षण का संसोधन विधेयक लाया है। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि पहले विधेयक का परीक्षण किया जाता है। उसके बाद सचिवालय से लीगल सलाहकार भेजते हैं।