छग पीसीसी चीफ मोहन मरकान का बड़ा आरोप, कहा-झीरम का सच रोकने का शुरू से षड़यंत्र करती है बीजेपी

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छग पीसीसी चीफ मोहन मरकान का बड़ा आरोप, कहा-झीरम का सच रोकने का शुरू से षड़यंत्र करती है बीजेपी

RAIPUR. छत्तीसगढ़ में झीरम कांड मामले में बीजेपी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। इसके साथ ही बड़ा आरोप लगाया है है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि झीरम घाटी कांड एक ऐसा कांड था, जिसने कांग्रेस के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था। स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना बीजेपी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी। इसके गुनाहगारों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।



32 नेताओं की हुई थी हत्या



कांग्रेस ने कहा- बीजेपी डरती है झीरम का सच सामने आ जाएगा तो वह बेनकाब हो जाएगी। रमन सिंह से बड़ा क्रूर शासक आजाद भारत में आज तक नहीं हुआ। एक साथ विपक्ष के 32 नेताओं की हत्या हो गई और तत्कालीन सरकार सच सामने आने देन से रोकने में पूरी ताकत लगा रखी थी। बीजेपी के बड़े नेता झीरम की जांच को रोकने लगातार कोशिशें करते रहे उसमें साफ है झीरम के पीछे तत्कालीन बीजेपी सरकार की भूमिका संदिग्ध थी।



लोकतंत्र के माथे पर लगा कलंक



प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा- आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यों हटाया गया था? झीरम नर संहार बीजेपी के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है तथा उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता है। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है, जो कभी नहीं मिट सकता। मरकाम ने कहा कि कांग्रेस ने झीरम में अपने नेताओं की पूरी पीढ़ी को खोया है। कांग्रेस पार्टी झीरम के षड्यंत्र को उजागर होने का पूरा प्रयास करेगी। इस षड्यंत्र को उजागर होने में कितनी भी बाधाएं पैदा की जाए कांग्रेस उनका डट कर मुकाबला करेगी।



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जांच में बाधित करती है बीजेपी-मरकाम



प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा- कांग्रेस सरकार ने झीरम हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार एनआईए से झीरम की फाइल एसआईटी को नहीं देने दिया। जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है पता नहीं क्यों बीजेपी के बड़े-बड़े नेता घबराने लगते है, किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं, कभी बयान बाजी करते हैं, कभी आंदोलन करते हैं, कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं, यानी किसी भी प्रकार से बीजेपी झीरम घाटी की जांच को होने ही नहीं देना चाहती है। बीजेपी जांच को बाधित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि झीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर आए थे। बीजेपी डरती है झीरम का सच सामने आ जाएगा तो वह बेनकाब हो जाएगी। बीजेपी के नेता इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकलकर आ जाएगा जिससे तत्कालीन बीजेपी सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जाएगा? बीजेपी इस बात से डरते हैं कि उनके आका, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जाएगी? बीजेपी किस बात से डर रही है? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि इस नक्सली घटना के पीछे की किसी बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा।

 


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