झीरम घाटी कांड पर प्रदेश में फिर सियासी उबाल! CM बोले- अपराधियों को बचा रही BJP,अजय बोले − लखमा से पूछकर दे दें फांसी

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Yagyawalkya Mishra
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झीरम घाटी कांड पर प्रदेश में फिर सियासी उबाल! CM बोले- अपराधियों को बचा रही BJP,अजय बोले − लखमा से पूछकर दे दें फांसी



शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी कांड को लेकर सियासत से उबाल मार रही है। दरअसल झीरम जांच आयोग का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाने की जानकारी कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दी। उसके बाद प्रदेश में झीरम को लेकर फिर से सियासत गरमा गई है। अब भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि झीरम का सच सबके सामने है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जांच आयोग बनाने की कोई जरूरत नहीं थी।







प्रत्यक्षदर्शी लखमा से पूछकर देदें फांसी: चंद्राकर





पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि झीरम कांड के प्रत्यक्षदर्शी कवासी लखमा तो उनकी सरकार में मंत्री हैं। भूपेश बघेल उनसे पूछ लें। वे जिसका नाम लें, भूपेश उसे फांसी पर लटकवा दें। कवासी लखमा से तो रोज पूछताछ होनी चाहिए। झीरम के पीड़ितों को चार साल में क्या मिला? प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जांच आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी लेकिन कांग्रेस को राजनीति करनी है। यदि जांच रिपोर्ट समय पर आएगी तो कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या राजनीति करेगी। उन्होंने भूपेश बघेल सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतनी कमेटी बनाई, कई जांच आयोग बनाए, उनमें से किसी की भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। उन्होंने कहा कि क्या शराबबंदी कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या स्काईवॉक कमेटियों की रिपोर्ट आई, क्या भूपेश बघेल सरकार द्वारा गठित झीरम जांच आयोग की रिपोर्ट आई? जब प्रत्यक्षदर्शी कांग्रेस सरकार में मंत्री है तो उनसे ही पूछ लें कि सच क्या है। हो गई जांच और क्या? नाटक बंद करना चाहिए।







आयोग के कार्यकाल बढ़ने की कांग्रेस ने दी जानकारी





झीरम घाटी की जांच के लिए बने आयोग के कार्यकाल बढ़ने पर कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था कि जब जस्टिस मिश्रा आयोग का कार्यकाल खत्म हुआ। हमारी सरकार ने उसी आयोग के कार्यकाल को बढ़ाया। उसमें दो और जस्टिस की नियुक्ति की है।इसमें कुछ बिंदुओं को भी जोड़ा गया है।जिसके कारण जांच में समय लग रहा है।



इसलिए उसके समय को आयोग के अनुरोध पर फिर से बढ़ाया गया है।





अपराधियों को बचाना चाहती है भाजपा: CM





पूरे मामले  की शुरूआत तब से है जबकि बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  कहा कि भाजपा झीरम षड्यंत्र को उजागर नहीं होने देना चाहती।सीएम बघेल ने कहा





 एनआईए से जांच का अधिकार मांगा, नहीं मिला। हम कोर्ट जाते हैं तो एनआईए कोर्ट पहुंच जाती। भाजपा झीरम के अपराधियों को बचाना चाहती है।



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