रायपुर में बैनर विवाद के बाद PCC का आदेश- बगैर अनुमति लगे पोस्टर हटाएं; भूपेश के करीबी ढेबर ने लगवाए थे, मरकाम की फोटो नहीं थी

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Atul Tiwari
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रायपुर में बैनर विवाद के बाद PCC का आदेश- बगैर अनुमति लगे पोस्टर हटाएं; भूपेश के करीबी ढेबर ने लगवाए थे, मरकाम की फोटो नहीं थी

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 16 फरवरी देर शाम आदेश जारी कर कार्यक्रम स्थल और उसके आस-पास या पहुंच मार्ग पर किसी भी बैनर-फ्लेक्स को लगाए जाने पर रोक लगाई गई है। पीसीसी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जो लग गए हैं वो हटा लिए जाएं, वरना हटा दिया जाएगा।





ये है मसला



 



इस पूरे आदेश की पृष्ठभूमि में एयरपोर्ट से लेकर अधिवेशन स्थल तक लगे वे फ्लैक्स और बैनर हैं, जिसके लगवाने वाले रायपुर महापौर एजाज ढेबर माने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी मेयर एजाज ढेबर की तस्वीरों के साथ लगे इन फ्लेक्स बैनर में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की ही तस्वीर नहीं थी। यह मसला संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा तक पहुंचा तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा ने दो टूक सवाल किया- किसकी अनुमति से ये बैनर फ्लैक्स लगे? पीसीसी से पूछा गया था क्या?





पोस्टर हटाने के ऊपर से आदेश आए



  



अपुष्ट खबरें हैं कि संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा ने संगठन महामंत्री रवि घोष को अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दे दिए। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा के बेहद तीखे तेवर को संभालने पूरी कवायद की गई, लेकिन 15 फरवरी शाम तक स्थिति यह करीब-करीब तय थी कि मेयर एजाज ढेबर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। लेकिन देर शाम जबकि संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा समेत केंद्रीय नेताओं ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी, तब तक मामला इस रूप में संभल गया कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। खबरें हैं कि नोटिस जारी ना करने के इस निर्णय में पीसीसी चीफ मरकाम की सम्मति ली गई थी। 





विनम्र-शांत, लेकिन दृढ़ व्यक्तित्व वाले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की ओर से व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक आदेश जारी किया गया, जिसमें बग़ैर पीसीसी की अनुमति के बैनर फ्लैक्स नहीं लगाए जाने के निर्देश हैं।





सतह शांत, लेकिन पानी में तेज बहाव है 





कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों और आयोजन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 13 समितियां बनाई हैं। इन समितियों में पीसीसी संगठन महामंत्री अमरजीत चावला का नाम तीन प्रमुख समितियों में अहम दायित्व के साथ दर्ज है। अमरजीत चावला हालिया दिनों तब चर्चाओं में आए, जब AICC की अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर ने चावला को तीन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांग लिया। इस कारण बताओ नोटिस में उल्लेख था कि पीसीसी महामंत्री अमरजीत चावला के खिलाफ शिकायत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने AICC में की है। 





पीसीसी अध्यक्ष मरकाम के बेहद करीबी हैं चावला





 AICC द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में उल्लेखित है कि अमरजीत चावला के खिलाफ शिकायत खुद मुख्यमंत्री बघेल ने की है। कारण बताओ नोटिस में तीन आरोप हैं जिनकी प्रकृति यह है कि अमरजीत चावला सीएम बघेल के विरुद्ध अभियान चलाने वालों को समर्थन देते हैं, भूपेश सरकार की नीतियों विशेषकर आरक्षण मसले पर सरकार के खिलाफ और राज्यपाल के समर्थन में व्यक्तव्य देते हैं।





 इस शो कॉज नोटिस को जारी करने वाले अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर कल राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी का जायजा लेने रायपुर आए थे। उनसे पीसीसी में पत्रकारों ने शो कॉज नोटिस को लेकर सवाल किया तो तारिक अनवर ने जवाब में कहा- “हम इंतजार कर रहे हैं। उनको समय दिया गया है। समय पर जवाब देंगे तो कमेटी बैठेगी, विचार करेंगे। अनुशासन समिति उस पर राय बनाएगी कि आगे क्या करना चाहिए? अगर जवाब संतोषजनक होगा तो ठीक है, अगर नहीं होंगे तो अनुशासन की जो कार्रवाई हो सकती है, वह करेंगे।”



  



...और इसके बाद जारी हुई सूची 





एआईसीसी अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर के इस बयान के कुछ ही घंटे के भीतर पीसीसी से वह लिस्ट जारी हुई, जिसमें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों और आयोजन व्यवस्था के लिए तेरह समितियां बनाई गई हैं। इन तेरह समितियों में प्रमुख तीन समितियों में संगठन महामंत्री अमरजीत प्रमुख भूमिका में मौजूद हैं।



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