छत्तीसगढ़ महतारी विवाद में आर-पार के मूड में बीजेपी-कांग्रेस, BJP ने कांग्रेस को बताया क्षेत्रीय दल जैसा

author-image
Vijay Choudhary
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ महतारी विवाद में आर-पार के मूड में बीजेपी-कांग्रेस, BJP ने कांग्रेस को बताया क्षेत्रीय दल जैसा

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR: छत्तीसगढ़ महतारी (मां) पर शुरू हुई राजनीति पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही हमलावर होते जा रहे है, नितिन नवीन के भारतीयता वाद और मूर्ति लगाने से क्या होगा? वाले बयान से शुरू हुई राजनीति में दोनो पक्ष अब हमलावर हैं, इसी बीच बीजेपी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के पर सवाल खड़े किए है चंद्राकर ने कहा की छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति कैसे हो ये तय करने वाले सीएम भूपेश बघेल कौन हैं? आगे उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एकमात्र छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर कुरूद में है जहा मूर्ति में चार हाथ और हथियार अलग-अलग हैं, छतीसगढ़ सरकार ने जो प्रतिमा बनाई है उसमें केवल दो हाथ और हथियार अलग-अलग रखे हैं। सरकार ने किस आधार पर प्रतिमा का चयन किया है, सीएम बघेल संस्कृति के स्वयंभू संरक्षक नहीं हो सकते है यह बेहद ही संवेदनशील विषय है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम बघेल पर तंज कसते हुए कहा कि संस्कृती चुनाव लडने का हथियार नहीं हो सकती है।





चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के व्यवहार को बताया क्षेत्रीय दल जैसा 





चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के व्यवहार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल एक क्षेत्रीय पार्टी के नेता की तरह बात कर रहे हैं और कांग्रेस एक क्षेत्रीय पार्टी की तरह हो गई है। चंद्राकर ने छत्तीसगढ़िया वाद पर सीएम से पूछा की सीएम बघेल बताएं कि छत्तीसगढ वाद की क्या परिभाषा क्या है, और सवालिया लहजे में कहा, क्या गिल्ली डंडा खेलना, पुन्नी नहाना ये छत्तीसगढ़ियावाद है, देश भर में पुन्नी नहाया जाता है।





सीएम बघेल पर चंद्राकर ने लगाए आरोप





छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सीएम बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम चुनाव जीतने के लिए इमोशंस को उभारने की कोशिश कर रहे हैं।



 



Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ न्यूज Mahtari controversy Chhattisgarh BJP-Congress rhetoric Chhattisgarh former Chhattisgarh Ajay Chandrakar raised questions छत्तीसगढ़ में महतारी विवाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी-कांग्रेस में बयानबाजी छत्तीसगढ़ पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने उठाए सवाल