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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा छाया रहेगा। दरअसल, महाराष्ट्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी शिवसेना एक मुहिम शुरू करने जा रही है। इसके अनुसार पार्टी प्रदेश में अब गैर छत्तीसगढ़ियों के खिलाफ अभियान चलाएगी। जानकारी के मुताबिक शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने पत्र जारी किया। इसमें लिखा है कि शिवसेना छत्तीसगढ़ में स्थानीय और बाहरी लोगों के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी में है।
शिवसेना के जारी लेटर में लिखा है कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में जिस तर्ज पर बाहरी लोगों को भगाने के लिए नारा दिया था बजाओ पुंगी और भगाओ लुंगी, उसी के तरीके से छत्तीसगढ़ शिवसेना छत्तीसगढ़िया लोगों के मान-सम्मान और उनके हक अधिकार, संस्कृति, सभ्यता और खानपान, रहन-सहन की रक्षा करने के लिए गांव-गांव में संरक्षण के लिए अभियान चलाएगी। सरकार के नियम के अनुसार छत्तीसगढ़ के मूल निवासी की जो परिभाषा दी गई है उसके तहत अभियान चलाएगी।
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बाला साहब ठाकरे ने मुंबई में चलाया था अभियान
शिवसेना के संस्थापक कहे जाने वाले बाला साहब ठाकरे ने बाहरी लोगों को मुंबई से भगाने का अभियान चलाया था। शिवसेना के दावों को देखकर साफ है कि यहां भी इस तरह के अभियान की शुरुआत हो सकती है। 60 के दशक में मुंबई में बड़े कारोबार पर गुजरातियों का कब्जा था। वहीं छोटे कारोबार में दक्षिण भारतीयों और मुस्लिमों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा थी।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण रोकने का चलेगा अभियान
शिवसेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रमुख आनंद सिंह मल्होत्रा ने कहा- उद्धव बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को रोकने का भी अभियान चलाया जाएगा। मल्होत्रा ने कहा कि हमारा संगठन प्रदेश में 80 फीसदी समाज सेवा 20 फीसदी राजनीति करता है। पिछले 36 सालों से काम किए जा रहे हैं। अब राष्ट्रीय मुख्यालय मुंबई, दादर, शिवसेना भवन से दिए गए निर्देश के अनुसार नए सिरे से काम होंगे। मुंबई से मिले निर्देशों के बाद अब पूरे प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन होंगे।