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RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र 1 और 2 दिसंबर को बुलाया गया है। इस बात की पुष्टि हो गई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने आज इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि विशेष सत्र के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से अनुरोध आया था। 1 और 2 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाया जा रहा है ।
आदिवासी आरक्षण पर हो सकती है चर्चा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान किन विषयों पर चर्चा होगी। यह अभी नहीं आया है, लेकिन जिस तरह छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण में कटौती को लेकर माहौल बना हुआ है और राज्यपाल ने भी सरकार को निर्देश इस संबंध में दिया था। इसे देखते हुए ऐसा लगता है कि विशेष सत्र में आदिवासी आरक्षण में कटौती के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा सरकार की तरफ से कोई संकल्प लाया जाता है तो उसे भी स्वीकार किया जाएगा।
1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र होगा। अधिकारियों ने पिछले गुरुवार को यह भी यह जानकारी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बुधवार शाम को विशेष सत्र बुलाने की स्वीकृति दी थी। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा का 15वां सत्र एक दिसंबर से शुरू होकर दो दिसंबर तक रहेगा। इस सत्र में कुल दो बैठकें होंगी। इस सत्र में शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सितंबर माह में राज्य सरकार के साल 2012 में जारी उस आदेश को खारिज कर दिया था। इसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण को 58 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। अदालत ने कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है।
आदिवासियों को लाभ पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रही सरकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया था कि उन्होंने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत को भेजा है। बघेल ने बताया था कि आगामी एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया गया है। साथ ही उन्होंने आदिवासी समुदायों को आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार उन्हें 32 प्रतिशत कोटा का लाभ प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।