नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने आरक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अवैध शराब की कार्रवाई में संदिग्ध भूमिका पर रहे कोटा थाना के दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अन्य मामले में जानकारी इधर से उधर करने के आरोप में महिला आरक्षक कि वेतन में कमी का आदेश भी दिया गया है। बिलासपुर पुलिस अधीक्षक नशे के खिलाफ अभियान में कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।
नशे के खिलाफ अभियान में कोताही न बरतने के आदेश
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान छेड़ रखा है। बिलासपुर में नशे खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। एसपी संतोष सिंह ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि नशे के व्यापारियों पर कार्रवाई में कोई कोताही न बरती जाए। जिसमें एक सप्ताह पहले कोटा क्षेत्र में एक डिस्टलरी से निकले 26 पेटी अवैध शराब जब्त की गई थी। जिसमें एफआईआर दर्ज किया गया और तीन आरोपियों को जेल भेजा गया। इसी मामले में डिस्टलरी के कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है, जिनकी तलाश की जा रही है। पूरी कार्रवाई के दौरान कोटा थाने के आरक्षक आशीष वस्त्रकार और मिथिलेश सोनवानी की संदिग्ध भूमिका पाई गई, जिसकी सूचना पर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने उन्हें मौखिक आदेश पर रक्षित केंद्र भेज दिया था। प्रारंभिक जांच उपरांत आज दोनो आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
अन्य मामले में एक महिला आरक्षक की वेतन में भी कमी
मिली जानकारी के अनुसार अन्य एक प्रकरण में पिछले साल पचपेड़ी थाना में शराब की रेड कार्रवाई में एक महिला आरक्षक पर सूचना लीक करने का आरोप लगने पर विभागीय जांच करवाई गई थी। जांच सिद्ध पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने संचयी प्रभाव से वेतन में कमी कर दी है और उक्त महिला आरक्षक चंदा यादव को पुलिस लाइन में पदस्थ करने का आदेश दिया है।