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BILASPUR. छत्तीसगढ़ की इकलौती सुपरफास्ट वंदे भारत ट्रेन को बंद कर तेजस के रैक से चलाने का फैसला रेलवे ने 3 दिन में बदल दिया है। रेलवे ने आनन-फानन में वंदे भारत ट्रेन को आज यानी 17 मई से अपने स्पेशल कोच के साथ चलाने की व्यवस्था की है। हालांकि, इसमें कोचों की संख्या कम कर दी गई है। 16 बोगियों की वंदे भारत अब केवल 8 कोचों से साथ चलाई जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि ट्रेन खाली नहीं चले। वंदे भारत की जगह तेजस एक्सप्रेस 14, 15 और 16 मई यानी 3 दिन चली। 16 मई को ही इसे बंद कर दिया गया।
अब स्पेशल रैक से चलेगी वंदे भारत
14 से 16 मई तक तेजस एक्सप्रेस चलाने के बाद रेलवे ने अब फिर से बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 20825/20826) को रेग्युलर चलाने का आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वंदेभारत एक्सप्रेस के ही नए रैक के साथ 17 मई से चलाई जाएगी। इस वंदे भारत के नए रैक में एक एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच और चेयर कार के 7 कोच रहेंगे। जब वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई, तब इसमें 16 कोच लगाए थे, जिनमें 14 चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव चेयर कार शामिल थे और 1128 लोगों के बैठने की कैपेसिटी थी। अब रेलवे ने इसके कोच को कम (कुल 8) कर दिया है।
पहले रेलवे ने ये फैसला लिया था, वंदे भारत के रैक तेजस से एक्सचेंज किए थे
रेलवे ने बिलासपुर-नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक को तेजस से एक्सचेंज कर दिया था। अफसरों ने बताया था कि इस तेजस रैक में दो एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच, 7 चेयरकार के कोच और 2 पॉवर कार समेत 11 कोच रहेंगे। यह व्यवस्था 14 मई से सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20701/ 20702 की रैक मिलने तक अस्थाई रूप से चलाने की बात कही थी। यह भी कहा गया कि रैक को एक्सचेंज करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है।
केंद्र की किरकिरी, इसलिए बदला फैसला
रेलवे के अचानक लिए गए इस फैसले से केंद्र सरकार की आलोचना हुई थी। कांग्रेस ने वंदे भारत ट्रेन शुरू होने पर ही ऐतराज जताया था और महंगी टिकट को लेकर इसे आम लोगों की पहुंच से दूर बताया था। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक फैसला बताते हुए खूब वाहवाही भी लूटी थी। केंद्र की किरकिरी होते देख रेल मिनिस्ट्री ने वंदे भारत को तुरंत शुरू करने का फरमान जारी कर दिया।
छत्तीसगढ़ वंदे भारत बंद करना क्या रेलवे की साजिश थी?
वंदे भारत एक्सप्रेस को पैसेंजर कम मिलने के साथ ही कोयला लदान पर असर पड़ने के कारण इसे बंद करने की तैयारी होने लगी। इसकी एवरेज 65% सीटें ही भर पा रही थीं, जिसमें भी ज्यादातर यात्री रेलवे के ही थे। लोग इसकी जगह दूसरी ट्रेनों को तरजीह दे रहे हैं। रेलवे ने सुनियोजित तरीके से वंदे भारत को बंद करने के बाद बिलासपुर-नागपुर तेजस एक्सप्रेस शुरू कर दी थी। इसके टिकट का रेट भी वंदे भारत से थोड़ा ही कम होने का दावा किया गया था।
वंदे भारत में ये फैसिलिटीज
इस ट्रेन की खासियत ये है कि सभी कोच ऑटोमैटिक डोर वाले हैं। एंटरटेनमेंट के लिए ऑन-बोर्ड हॉटस्पॉट वाई-फाई है। टॉयलेट बायो-वैक्यूम टाइप के हैं। हर कोच में गर्म खाना, गर्म और ठंडे ड्रिंक्स परोसने की सुविधा के साथ पेंट्री है। साथ ही कोच में यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट देने वाली स्क्रीन लगी हैं। एग्जीक्यूटिव कोच की सीट 180 डिग्री तक घूम जाती है।