याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सदन से मंत्रियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने सत्ता पक्ष के तेवरों का ज़िक्र करते हुए तल्ख़ स्वरों में कहा
“यह बहुमत का आपातकाल है, स्थगन पर बोलने से रोकने मंत्री ही खड़े हो जाते हैं, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में चर्चा हो रही है, सत्ता पक्ष कहाँ हैं, कहाँ है मंत्री लोग”
बेहद तीखे स्वरों में हमलावर होते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण और क़ानून का मसला उठाते हुए कहा
“ ख़ाली मुख्यमंत्री के घर में त्यौहार मनाने से त्यौहार नहीं होंगे। बस्तर में जब माँदर बजेगा नाच होगा तो समझेंगे त्यौहार छत्तीसगढ़ मना रहा है। लेकिन आज बस्तर में आदिवासी अपनी संस्कृति पर हमले से परेशान है।सिलगेर में आदिवासी मार दिए गए। कवर्धा में कल जो हुआ वह क्या है ?”
राज्यपाल का ज़िक्र करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“ राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा हो रही है। इन्हीं राज्यपाल को लेकर अदालत में सरकार ने याचिका लगाई है। आप संविधान राज्यपाल को नहीं मानते तो उनके अभिभाषण पर चर्चा क्यों ?”
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“इस सदन में मुझे यह कहने में कोई आपत्ति नहीं कि,उस न्यायाधीश को भी शर्म आनी चाहिए,जिसने नोटिस जारी किया है।हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस को राज्यपाल शपथ दिलाते हैं।रायपुर की सड़कों पर बोर्ड आज भी लगे हैं जिसमें राजभवन के जिक्र के साथ लिखा है कि, इधर बीजेपी कार्यालय है।”
कवासी की टिप्पणी से बवाल, पाँच मिनट के लिए स्थगित
जबकि बृजमोहन अग्रवाल बस्तर का ज़िक्र कर रहे थे, मंत्री कवासी लखमा ने यह कहा कि, बस्तर के आदिवासियों के बारे में कुछ मत बोलो। इसके ठीक बाद मंत्री कवासी लखमा ने कुछ और टिप्पणी की जिसके बाद बृजमोहन समेत विपक्ष हंगामा करने लगा, इस शोरगुल में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि आख़िर कवासी ने कहा क्या है। हंगामा बढ़ते देख सदन की कार्यवाही पाँच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।