Raipur. छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने राजधानी रायपुर से आज पूरे प्रदेश भ्रमण के लिए बूढ़ादेव की यात्रा निकाली है। हमेशा से छत्तीसगढ़िया वाद को बढ़ावा देने वाली क्रांति सेना ने पिछले साल भी बूढ़ादेव की सफल यात्रा निकाली थी। ठीक उसी तरह इस साल भी बूढ़ादेव की यात्रा को रायपुर से हरी झंडी दिखाई गई है। यात्रा का उद्देश्य आदिवासियों को परंपरा से जोड़ना है। इस पूरी यात्रा में लोग कांसा का दान करेंगे। जिससे जब यह यात्रा खत्म होगी उस समय जितना कांसा इकठ्ठा होगा उससे रायपुर में एक मुर्ति का निर्माण किया जाएगा।
संस्कृति को जानेंगे और धर्मांतरण बंद करेंगे- शिवेंद्र
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के महामंत्री शिवेंद्र वर्मा का कहना है कि बूढ़ादेव की यात्रा के दौरान एक छोटी सी मूर्ति रथ में बैठाई गई है। यह रथ हर गांव गांव में जाएगी और वहां से कासा इकट्ठा करेगी। इस यात्रा के दौरान जितना कासा इकट्ठा होगा। उसे 8 अप्रैल को राजधानी रायपुर लाकर दूल्हा देव को समर्पित कर दिया जाएगा। जिसके बाद 70 फीट 70 टन की मूर्ति का निर्माण करना शुरू होगा। छत्तीसगढ़िया लोग परंपरा को भूलते जा रहे हैं जिसके कारण लोक संस्कृति को नहीं समझ पाते और धर्मांतरण कर लेते हैं। यात्रा के जरिए आदिवासी संस्कृति को छत्तीसगढ़िया लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। जिससे धर्मांतरण वाले मुद्दे पर भी लाभ मिलेगा। लोग जब संस्कृति को जान जाएंगे और यह जानेंगे कि कितनी बड़ी और विशाल संस्कृति है तो लोग धर्मांतरण करना बंद कर देंगे।
चुनाव लड़ने पर भी विचार करेगा संगठन- शिवेंद्र
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के महामंत्री शिवेंद्र वर्मा ने भविष्य में संगठन के चुनाव लड़ने की बात करते हुए बताया है कि छत्तीसगढ़ में दोनों राष्ट्रीय पार्टी को अभी डर लग रहा है कि कहीं छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना चुनाव ना लड़े। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों को डर सता रहा है। फिलहाल छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना इस तरीके के किसी भी मुद्दे पर सोच विचार नहीं कर रही है। लेकिन अगर दोनों पार्टी की तानाशाही कम नहीं हुई तो छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी विचार करेंगी।