MANEDRAGARH. महाराष्ट्र राज्य के नागपुर इलाके के चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले के तार छत्तीसगढ़ से जुड़ते नजर आ रहे हैं। नए जिले मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के जनकपुर में एक दंपती को चोरी का बच्चा बेचा गया था। जानकारी के अनुसार तीन महीने पहले आठ महीने का बच्चा डेढ़ लाख रुपए में विक्की जगवानी नामक व्यक्ति को बेचा गया था । मामले की शिकायत मिलने के बाद नागपुर की अंबाझरी पुलिस ने जनकपुर से तीन लोगों को पूछताछ के लिये ले गई है। बता दें की चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह की मुखिया श्वेता खान से जनकपुर निवासी विक्की जगवानी ने नागपुर में एक बच्चा खरीदा था। नागपुर के अंबाझरी थाने में गैंग की मुखिया श्वेता खान पर अपराध दर्ज था।
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पुलिस की पकड़ में आने के बाद उसने जनकपुर के व्यक्ति को बेचने की जानकारी दी। थाने में दर्ज शिकायत के बाद महाराष्ट्र पुलिस जनकपुर पहुंची और तीन लोगों को पकड़कर नागपुर ले गई। इसमें जो बात सामने आ रही है कि विक्की जगवानी का एक बेटा था जो दिव्यांग था। इसके इलाज के लिये वह परिवार सहित हर महीने नागपुर जाया करता था, जहां उसकी मुलाकात श्वेता खान से हो गई। उसने बच्चों के बारे में बताया। बेटे को लेकर परेशान चल रहे विक्की को एक बच्चे की जरूरत थी, जिसे उसने डेढ़ लाख रुपए में खरीदा। इसके बाद में श्वेता जनकपुर भी आई और विक्की को मामले की जानकारी पुलिस को लगने की बात कह दो लाख रुपए और ले गई। बच्चे को लेकर किसी तरह का गोदनामा या अनुमति नहीं होने के कारण पुलिस ने विक्की और उसके परिवार को भी लेने पहुंची । महाराष्ट्र पुलिस जनकपुर पुलिस की मदद से इनके घर तक पहुंची और पूछताछ के लिये इन्हें अपने साथ लेकर गई है । आगे इसमे किस तरह की कार्रवाई होती है यह तो बाद में सामने आएगा।