सीएम बघेल ने आरक्षण बिल पर कहा - हठधर्मिता है, या तो हस्ताक्षर करें या बिल विधानसभा को लौटाएँ राज्यपाल

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Yagyawalkya Mishra
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सीएम बघेल ने आरक्षण बिल पर  कहा - हठधर्मिता है, या तो हस्ताक्षर करें या बिल विधानसभा को लौटाएँ राज्यपाल

Raipur. आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने और राजभवन और राज्य सरकार के बीच इस मसले को लेकर गंभीर मतभेद के बीच सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि, हठधर्मिता पर अड़ीं राज्यपाल या तो हस्ताक्षर करें या फिर बिल विधानसभा को लौटाएँ।



   सनद रहे कि बीते दिनों राजभवन ने बिल को लेकर विधिक प्रश्न उठाए थे जिसके जवाब जब राज्य सरकार ने भेजे तो राजभवन ने उसे विषय से दूर पाते हुए ख़ारिज किया था। राजभवन ने तब राज्यपाल राजभवन और विधि सलाहकार पर की जा रही टिप्पणियों पर नाराज़गी जताई थी।





क्या कहा है सीएम बघेल ने



  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर सुबह मीडिया से कहा है





“मुख्य बात यही है विधानसभा में पारित जो बिल है, विधानसभा की संपत्ति विधानसभा से निकल कर राज्यसभा गया है, वो बिल अटका हुआ है। सवाल हमसे पूछे जा रहे हैं।राज्यपाल या तो हस्ताक्षर करें या विधानसभा को लौटाए। दो ही काम हैं लेकिन अब तक… दो दिसंबर की बात है अब दो जनवरी कल आ जाएगा, कल से सत्र शुरु हो रहा है लेकिन अब एक महीने बीतने के बाद भी राज्यपाल जी की हठधर्मिता कहिए कि पूरे प्रदेश के छात्र छात्राओं का नौजवान युवक युवतियों का जो नौकरी करना चाहते हैं जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।”





सीएम बघेल ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और आरोप दोहराया कि, विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने के पीछे एकात्म परिसर ( बीजेपी कार्यालय ) की पर्ची जवाबदेह है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा





“बीजेपी इस पर कोई माँग नहीं कर रही है क्योंकि एकात्म परिसर से ही पर्ची भेजा जा रहा है इसी कारण सब गड़बड़ हो रहा है।भाजपा का दो गला है एक गला है जो विधानसभा में सुनाई देता है दूसरा गला है जो बाहर में सुनाई देता है।”









 कल से सत्र शुरु



  कल से विधानसभा का सत्र भी शुरु हो रहा है। इस मसले को लेकर बीजेपी सदन में फिर सरकार को घेरने की तैयारी में है। जबकि दो दिन का विशेष सत्र आरक्षण विधेयक के मसले पर आहूत किया गया था तब भी बीजेपी की ओर से सदन में कहा गया था कि, आरक्षण का मसला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और इस मसले पर अब तक विधानसभा की परंपरा रही है कि, जो मसला न्यायालय में विचाराधीन हो उस पर विचार नहीं होता है। आरक्षण का यह मसला जो न्यायालय में विचाराधीन है उसमें सरकार खुद एक पक्ष है उसके बावजूद यह विधेयक कैसे लाया जा सकता है। हालाँकि यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया था।



सीएम बघेल Cg Reservations bill governor Anusuiya Uike सीएम बघेल ने कहा आरक्षण बिल या तो लौटा दें या हस्ताक्षर करें राज्यपाल बीजेपी पर बोले सीएम बघेलदो गला है बीजेपी का