RAIPUR. दुर्ग जिले के उन निवेशकों के चेहरे 6 फरवरी, सोमवार को खिल गए, जिन्होंने चिटफंड कंपनियों में निवेश किया था और रकम वापसी की उम्मीद छोड़ चुके रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक क्लिक में जिले के तीन हजार 274 निवेशकों के दो करोड़ 56 लाख रुपए ट्रांसफर करा दिए।
ऐसे चिटफंड कंपनियों ने फंसाया था लोगों को
आपको बता दें कि करीब पांच से सात साल पहले तक प्रदेश में चिटफंड कंपनियों की बाढ़ सी आ गई थी। ये कंपनियां दावा करती थीं कि वे निवेशकों से मिली राशि का उपयोग उत्पादक कार्यों में करती हैं, जिससे जो भी राशि मासिक, त्रैमासिक या एकमुश्त निवेश की जाती है, उसे एक निश्चित अवधि पर दोगुना या उससे ज्यादा दी जाएगी। ऐसे में लोग भी एजेंटों के माध्यम से अपनी गाढ़ी कमाई से हिस्सा निकालकर इन कंपनियों में निवेश करते रहे।
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चुनाव से पहले कांग्रेस ने किया था वादा
कई ने तो अपने बेसिक खर्च से भी कटौती कर रकम जमा कर दी। लेकिन बाद में एक के बाद एक चिटफंड कंपनियों की गड़बड़ियां उजागर होने लगीं। तब कई कंपनियों के डायरेक्टर से लेकर अन्य जिम्मेदार व्यक्ति भागने लगे थे। पुलिस ने लंबे प्रयास के बाद कई को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन कांग्रेस के इस वादे के साथ हुआ कि वे सरकार में आने के बाद चिटफंड कंपनियों में डूबी राशि को निवेशकों को वापस दिलाएंगे। इसके बाद से धीरे-धीरे ये प्रक्रियाएं आगे बढ़ती रही। इसी कड़ी में कंपनियों द्वारा खरीदी गई चल-अचल संपत्तियों को भी जब्त किया गया। राज्य सरकार ने इन्हें ही बेचकर भरपाई करने का फैसला लिया है। इसके तहत किस्तों में निवेशकों को उनकी डूबी राशि लौटाई जा रही है।
अब तक दुर्ग के 126 डायरेक्टर्स पर हो चुकी है कार्रवाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास से वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल होकर निवेशकों को राशि लौटाई। 5 फरवरी, सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में जहां दुर्ग जिले के तीन हजार 274 निवेशकों को दो करोड़ 56 लाख रुपए लौटाए गए। वहीं उन्होंने अपनी बातें भी रखी। इसमें उन्होंने बताया कि अब तक कुल 40 करोड़ रुपए निवेशकों को प्रदेशभर में लौटाया जा चुका है। वहीं दुर्ग में अब तक ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के 126 डायरेक्टर व आठ पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।