1952 में अस्तित्व में आई जगदलपुर सीट पर रहा है कांग्रेस का कब्जा,  ग्रामीण इलाकों में नक्सलवाद बड़ी चुनौती

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Vivek Sharma
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1952 में अस्तित्व में आई जगदलपुर सीट पर रहा है कांग्रेस का कब्जा,  ग्रामीण इलाकों में नक्सलवाद बड़ी चुनौती

JAGDALPUR.  जगदलपुर बस्तर संभाग का एक प्रमुख शहर है> इस इलाके में कई प्राकृतिक स्थान है काकतिया राजा जिसे पांडुओं का वंशज कहा जाता है, ने जगदलपुर को अपनी राजधानी बनाया था। जगदलपुर का पुराना नाम जगतुगुड़ा है जितना समृद्ध यहां का इतिहास ही उतना ही उलझा हुआ यहां का सियासी मिजाज है।





सियासी मिजाज 





जगदलपुर विधानसभा बस्तर की इकलौती सामान्य सीट है। साल  1952 में अस्तित्व में आई सीट पर तत्कालीन महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव और डूमेर दो विधायक थे। 1957 में फिर से प्रवीर चंद्र भंजदेव और डेहरा प्रसाद विधायक बने।  1962 में चैतू महरा विधायक बने... चैतू महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव के ही निर्दलीय प्रत्याशी थे। 1967 में इस सीट से भारतीय जनसंघ के डी कोशा ने जीत दर्ज की। परिसीमन के बाद यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई। 2008 में बीजेपी यहां से जीती जबकि 2013 में इस सीट पर फिर से कांग्रेस का कब्जा हुआ। साल 2018 में इस सीट से कांग्रेस के रेखचंद जैन विधायक हैं।





सियासी समीकरण 





 साल 2018 में यहां से कांग्रेस के रेखचंद ने जीत दर्ज की। उसके पहले यहां से 2008 और 2013 में बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की थी। साल 1980 से लेकर 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा.. देखा जाए तो यहां सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने ही कब्जा कायम रखा।





जातिगत समीकरण 





इस सामान्य सीट पर आदिवासी वोटर करीब 12 फीसदी हैं। अजा करीब 11 फीसदी, पिछड़ा वर्ग के करीब 35 फीसदी वोटर हैं तो वहीं 40 फीसदी मतदाता सामान्य वर्ग के हैं। यहां हिंदू आबादी करीब 88 फीसदी है। ईसाई करीब दो फीसदी, मुस्लिम आबादी करीब पांच फीसदी हैं। वहीं इलाके में साक्षरता दर करीब 70 फीसदी है।





मुद्दे 





 इस इलाके में जनता जहां मूलभूत सुविधाओं नहीं मिलने से परेशान हैं तो वहीं इलाके रोजगार की भी गंभीर समस्या बनी हुई है। यहां सड़क-पानी-बिजली-स्वास्थ्य जैसे बड़े मुद्दे जनता के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। तो वहीं ग्रामीण इलाके में नक्सल समस्या भी एक बड़ी चुनौती है। इन सभी मुद्दो पर जब हमने इलाके के नेताओं से बात कर जवाब मांगे तो कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए







  • द सूत्र की ग्राउंड रिपोर्ट



  • विधानसभा सीटों पर जाकर द सूत्र ने लिया जायजा


  • क्या है विधायकों का परफॉर्मेंस, टटोली जनता की नब्ज


  • क्या 4 साल में उम्मीदों पर खरे उतरे विधायक ?






  • इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ सवाल निकल कर आए।





    सवाल







    • चार वर्ष में ऐसी कोई उपलब्धि जो आपके प्रयास से जगदलपुर विधानसभा को हासिल है।



  • इलाके में शिक्षा का स्तर बहुत नीचे हैं, भवन और शिक्षक तक नहीं है ऐसा क्यों ?


  • आप अपनी विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं जाते, ऐसा क्यों ?


  •  विधानसभा में आप ऐसा कोई प्रश्न नहीं लगाते जो आपके क्षेत्र से जुड़ा हो, ऐसा क्यों ? 


  •  कई लोगों को पट्टा नहीं मिला,और न जाति प्रमाण पत्र बन पाए, ऐसा क्यों ?






  • इन सवालों के जवाब में विधायक क्या बोले विधायक रेखचंद जैन







    • इलाके में कई विकास कार्य करवाए'



  • शिक्षा के क्षेत्र में भी कई काम करवाए हैं और लगातार जारी है।


  • मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हूं, दौरे करता हूं।


  • जनता को कोई परेशानी न हो इसके लिए सतत प्रयास जारी है।






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