Bilaspur।पुलिस अधीक्षक के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर कर के सहायक उप निरीक्षक (अ) का नियुक्ति पत्र तैयार करने के मामले में बीते 15 जून को जेल भेजे गए आरक्षक पंकज शुक्ला को पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है।पंकज शुक्ला पुलिस लाईन में पदस्थ था।एसपी पारुल माथुर ने पंकज शुक्ला के डिसमिसिल के ऑर्डर जारी किए हैं।
क्या था मामला
आरक्षक पंकज शुक्ला, निगम कर्मी भोजराज नायडू, निगम में पार्षद रेणुका प्रसाद नागपुरे पर आरोप है कि, उन्होंने आठ लाख रुपए लेकर पीयूष प्रजापति नामक युवक को फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र दिया। आरोप है कि यह नियुक्ति पत्र पंकज शुक्ला ने ही दिया था। इस नियुक्ति पत्र पर एसपी पारुल माथुर के हस्ताक्षर थे। मामले का खुलासा तब हुआ जबकि पीयूष प्रजापति उस पत्र को लेकर ज्वाइनिंग करने एसपी कार्यालय पहुँच गया।
क्या लिखा है बर्ख़ास्तगी आदेश में
एसपी पारुल माथुर ने बर्ख़ास्तगी आदेश में लिखा है कि, पुलिस विभाग और जनहित के लिए ऐसे कर्मचारियों का विभाग में कार्यरत रहना उचित नहीं पाया जाता है, समाज में विभाग के उच्च स्तरीय मानकों की छवि बरकरार रहने के साथ ही विभागीय व्यवस्था की सुदृढ़ता हेतु सेवा से पदच्युत किया जाता है।