BILASPUR. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सोमवार को बिलासपुर के जलसंसाधन विभाग परिसर स्थित प्रार्थना सभाकक्ष में महिला संबंधी प्रकरणों की सुनवाई की। इस दौरान झीरम हमले में शहीद नंदकुमार पटेल की सुरक्षा में तैनाती के दौरान शहीद हुए फालोगार्ड के परिवार का मामला सामने आया। अंतर्कलह की वजह फालोगार्ड की पत्नी को पेंशन समेत अन्य राशि व अनुकंपा नियुक्ति मिलने और पुनर्विवाह से जुड़ी हुई है। शहीद की मां ने इसे लेकर शिकायत की थी। आयोग ने प्रकरण को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है।
23 मई 2013 को नक्सली हमले में शहीद
शिकायत करने वाली मां ने बताया कि उनके बेटे की पुलिस विभाग में नौकरी साल 2008 में लगी थी। वर्ष 2011 में उसका विवाह हुआ। वहीं 23 मई 2013 को जब झीरम घाटी पर कांग्रेसियों के काफिले पर हमला हुआ उस समय उसकी पोस्टिंग जगदलपुर में थी और उनके बेटे को तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल का फालोगार्ड नियुक्त किया गया था। नक्सल हमले के दौरान नंदकुमार पटेल तो शहीद हुए थे, लेकिन उससे पहले ही उनके बचाव में लगे इस फालोगार्ड ने भी शहादत हासिल की थी।
पत्नी को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली
आयोग के समक्ष उनकी मां ने बताया कि उनके बेटे के किसी भी दस्तावेज में उसकी पत्नी का नाम दर्ज नहीं था। लेकिन, इस विकट परिस्थितियों में हमने सभी अभिलेखों में उसका नाम दर्ज कराया। इसके बाद उसे पेंशन मिलना शुरू हुआ, कई और धनराशि प्राप्त हुई और फिर बेटे की जगह अनुकंपा नियुक्ति के रूप में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर नौकरी भी मिली।
क्लर्क से पुनर्विवाह किया
वह आईजी कार्यालय में पदस्थ है। लेकिन, इसी दौरान उसने वहां कार्यरत एक क्लर्क से पुनर्विवाह कर लिया है। हमने बहू को हर तरह से मदद की है, लेकिन अब हमारे पास गुजारे के लिए कोई साधन नहीं है। ऐसे में बेटे की पेंशन उन्हें मिले। सुनवाई के दौरान शहीद फालोगार्ड की पत्नी ने भी अपनी बात रखी। तब अध्यक्ष डॉ. किरणमयी ने दोनों को समझाइश दी कि उनके मामले में जल्द ही फैसला लिया जाएगा, लेकिन इस बीच आपसी विवाद में वे न उलझें। इसके साथ ही इस मामले को डीजीपी, मुख्यमंत्री समेत अन्य को भेजने के अलावा आगामी दिनों में इस पर फैसला करने का निर्णय लिया गया। लिहाजा मामले को नस्तीबद्ध किया गया है।